महाराष्ट्र में चुनावी परिणाम के बाद सीएम पद की शपथ ले ली गई। दो डिप्टी सीएम भी बना दिए गए। इसके बावजूद विपक्ष के नेता अभी भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने रविवार को विपक्षी दलों के नेताओं पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली हार को स्वीकार करने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।
किस कारण सपा MVA से हुई अलग? शिवसेना ने बताया
विपक्षी गठबंधन तब से ईवीएम में अनियमितताओं का दावा कर रहा है। मतपत्रों के इस्तेमाल की मांग कर रहा है। शिवसेना नेता उदय सामंत ने विपक्ष पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'एमवीए के दोहरे मापदंड के कारण ही समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन से अलग हुई है। कल उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार किया और आज उम्मीद है कि वे सदस्य के रूप में शपथ लेंगे, जिससे फिर से उनके दोहरे मापदंड उजागर होंगे।' उन्होंने दावा किया कि विपक्ष हार स्वीकार करने के बजाय लोगों को गुमराह करने के लिए फर्जी कहानी गढ़ रहा है।
शरद पवार फैला रहे झूठ- बावनकुले
बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि शरद पवार लोगों को गुमराह कर रहे हैं। बावनकुले ने शरद पवार के बयान पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, 'हम उनका (पवार) सम्मान करते हैं लेकिन वह झूठ फैला रहे हैं। वह लोगों को भ्रमित कर रहे हैं। विपक्ष अपनी विफलता छिपा रहा है।'
जितेंद्र आव्हाड ने दोबारा चुनाव कराने की मांग की
शरद पवार ने एक बयान में विपक्ष को अधिक मत और कम सीट मिलने पर आश्चर्य व्यक्त किया था। इस बीच, एनसीपी-SP के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने सोलापुर के मालशिरस विधानसभा क्षेत्र के मरकडवाड़ी गांव में कर्फ्यू और गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। मरकडवाड़ी गांव में ग्रामीणों ने मतपत्रों का उपयोग कर दोबारा चुनाव कराने की मांग की थी।
महायुति ने 230 सीट पर हासिल की जीत
बता दें कि बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 20 नवंबर को हुए चुनाव में विधानसभा की 288 में से 230 सीट पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस, शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (UBT) और एनसीपी-शरद पवार के विपक्षी महा विकास आघाडी को सिर्फ 46 सीट हासिल हुई।
भाषा के इनपुट के साथ