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उद्धव ठाकरे को लगा बड़ा झटका, अब शिंदे गुट की पार्टी होगी शिवसेना, चुनाव चिन्ह भी मिला

उद्धव ठाकरे को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना नाम मिला है। धनुष बाण चुनाव निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिला है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Feb 17, 2023 19:01 IST, Updated : Feb 17, 2023 19:40 IST
उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे
Image Source : FILE PHOTO उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल हो गया है। इससे उद्धव ठाकरे को बहुत बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना नाम दे दिया है। वहीं, धनुष बाण चुनाव निशान एकनाथ शिंदे गुट को मिला है। चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम "शिवसेना" और पार्टी का प्रतीक "धनुष और बाण" एकनाथ शिंदे गुट के पास ही रहेगा। ऐसे में एकनाथ शिंदे गुट को बड़ी जीत मिली है।

निर्वाचन आयोग ने पाया कि 2018 में संशोधित किया गया शिवसेना का संविधान उसे नहीं दिया गया था। चुनाव आयोग के कहने पर दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने 1999 में पार्टी के संविधान में लोकतांत्रिक मानदंडों को जगह देने के लिए बदलाव किया था, जिसे नए संशोधन में हटा दिया गया था। चुनाव आयोग ने यह भी देखा कि शिवसेना के मूल संविधान के अलोकतांत्रिक मानदंड, जिसे 1999 में आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, को गुप्त तरीके से बदल दिया गया, जिससे पार्टी एक जागीर में तब्दील हो गई।

जिस बात का डर था वही हुआ: आनंद दुबे 

चुनाव आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव गुट के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि जिस बात का डर था वही हुआ। उन्होंने चुनाव आयोग को 'बीजेपी का एजेंट' करार देते हुए कहा कि वह अपनी विश्वसनीयता खो चुका है। दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही कहती आ रही है कि उन्हें चुनाव आयोग पर विश्वास नहीं है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, बहस अभी जारी है, आपने आनन-फानन में कैसे फैसला सुना दिया कि शिवसेना एकनाथ शिंदे की पार्टी है।

EC के फैसले पर राउत की आई प्रतिक्रिया

इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय राउत ने कहा, "यह लोकतंत्र की हत्या है। हम कानून की लड़ाई भी लड़ेंगे और जनता के दरबार में भी जाएंगे। हम फिर से शिवसेना खड़ी करेंगे। आपने निशान हथियाया है, विचार कैसे हथियाएंगे। अगर धनुष बाण राम की बजाए रावण को मिले, तो इसका मतलब क्या? इसका मतलब है असत्यमेव जयते। राउत ने कहा, "कहां तक खरीद-बिक्री हुई है, यह साफ हो गया है। आज चुनाव आयोग ने अपना विश्वास खो दिया है। देश की सभी स्वायत्त संस्थाओं को गुलाम बनाने की कोशिश शुरू है। इस फैसले को जरूर चुनौती देंगे। 40 लोगों ने पैसे के जोर पर धनुष बाण का चिन्ह खरीदा है।"

शिंदे के बगावत के बाद दो गुटों में बंट गई थी शिवसेना

गौरतलब है कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था, तब शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई थी। पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी। शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली। एकनाथ शिंदे ने सीएम और देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के पद पर शपथ ली थी। इसके बाद उद्धव गुट और शिंद गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न धनुष और बाण को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था।

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