बीड़ (महाराष्ट्र): कोरोना संकट ने सिस्टम का असंवेदनशील चेहरा उजागर कर दिया है। महाराष्ट्र के बीड़ जिले के सरकारी अस्पताल के वार्ड में 20 घंटे से एक कोरोना मरीज का शव पड़ा रहा और पास में ऑक्सीजन ले रही 2 कोरोना संक्रमित महिलाओं का इलाज चलता रहा। बताया जा रहा है कि मरीज की मौत रात 9 बजे हुई थी। उसके शव को काले प्लास्टिक में लपेटकर रख दिया लेकिन दूसरे दिन शाम 5 बजे तक वो शव ऐसे ही वार्ड में पड़ा रहा।
जब कोरोना संक्रमित महिलाओं के परिजनों ने इस घटना को लेकर आवाज उठाई उसके बाद शव कहीं और शिफ्ट किया गया। इससे पहले 20 घंटे शव के बीच दोनों महिलाएं ऑक्सीजेंन लेती हुई इलाज करवाती रही। इस बीच कितनी बार नर्स आई होगी या डॉक्टर आए होंगे लेकिन किसी ने प्रोटोकॉल के तहत इस शव को हटाने की कोशिश नहीं की। जब कुछ लोग बाहर से आए और महिलाओं को पूछा तो महिलाएं बोलने लगी कि डर के बोलने लगी कि खाना भी अंदर नही गया। उन्होंने बताया कि बदबू भी आ रही है, मुह ढांक के ओक्सीजन लगाए हुए है। कल रात से हमारे बिल्कुल पास में डेडबॉडी पड़ी है, डर तो लगता ही है। वहीं, इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
आपको बता दें कि 4 दिन पहले ही बीड़ जिले में ही कोरोना से मरे 22 मरीजों के शव को एक एंबुलेंस में भरकर श्मशान घाट ले जाने का मामला सामने आया था। यह घटना सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा देखने को मिला था। लोगों का आक्रोश शांत करने के लिए बीड़ जिला प्रशासन को अपनी एक टीम 220 किलोमीटर दूर अम्बाजोगई गांव रवाना करना पड़ा था।