मुंबई: कोरोनावायरस के मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवा की आपूर्ति को लेकर महाराष्ट्र सरकार की केंद्र के साथ ठनी हुई है जबकि राज्य की एजेंसियों द्वारा जब्त की गई इस दवा की 5,000 शीशियों का अदालत की अनुमति के अभाव में उपयोग नहीं हो पा रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि ये शीशियां खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) और पुलिस विभाग द्वारा मार्च और अप्रैल में महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में छापे मारने के दौरान जब्त की गई थीं।
एफडीए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “रेमडेसिविर की 5,000 शीशियां छापेमारी के दौरान जब्त की गईं। हालांकि हम इसे इस्तेमाल के लिए नहीं दे सकते क्योंकि केवल अदालत ही इसकी अनुमति दे सकती है।” उन्होंने कहा, “जब्ती के बाद, हमें साक्ष्य जुटाने होते हैं, आरोप तय करने होते हैं और जब्त किए गए भंडार को अदालत के समक्ष पेश करना होता है। इस मामले में जीत के लिए राज्य की दलील बहुत मजबूत होनी चाहिए। केवल तभी, इन शीशियों को कोविड-19 मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।’’
इस बारे में पूछने पर, एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि रेमडेसिविर को संक्रमण की खास अवधि के दौरान प्रयोग करना होता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि इस बात की संभावना कम है कि केंद्र राज्य के आवंटन को बढ़ाएगा क्योंकि देश के अन्य हिस्सों में भी कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं।