महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव इस बार खासा दिलचस्प है। राज्य की 2 राजनीतिक पार्टियां (शिवसेना व एनसीपी) इस बार अपने-अपने करीबी लोगों के गुटबंदी से परास्त हो गईं और दो भागों में बंट गईं। शिवसेना पार्टी की कमान एकनाथ शिंदे के हाथों में आ गई और एनसीपी की कमान अजित पवार के हाथ में। मजबूरन उद्धव ठाकरे व शरद पवार को नई पार्टी बनानी पड़ी शिवसेना UBT और एनसीपी SP। ऐसे में महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों के लिए यह चुनाव साख बचाने की लड़ाई है।
बता दें कि महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं, जिन पर एक फेज में यानी 20 नवंबर को वोटिंग होंगे और 23 नवंबर को काउंटिग होगी।
कोपरी पाचपाखाडी सीट पर सीएम शिंदे का दबदबा
इन्हीं 288 सीटों में से एक सीट कोपरी पाचपाखाडी है, यह सीट राज्य की हॉट सीट हैं, क्योंकि यह सीट मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पारंपरिक सीट बन चुकी है। एकनाथ शिंदे ने यहां से पांचवी बार जीत हासिल करने के लिए पर्चा भरा है। वहीं, इनके खिलाफ शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने केदार दिघे को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। बता दें कि केदार दिघे, शिवसेना के दिग्गज नेता आनंद दिघे के भतीजे माने जाते हैं।
क्या है चुनावी इतिहास?
कोपरी पाचपाखाडी के चुनावी इतिहास की बात करें तो 1978 से 1980 तक INC (I) के हिस्से में थी, इसके बाद बीजेपी ने 1985 से लेकर 1999 तक इस सीट पर राज किया, इस टाइम पीरिएड में महज एक बार 1995 में कांग्रेस को यहां से जीत हासिल हुई। इसके बाद 2009 से लेकर 2019 तक इस सीट पर शिवसेना का दबदबा कायम है। 2004 में एकनाथ शिंदे थाने सीट से पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2009 में कोपरी पाचपाखाडी सीट बनाया गया। तब से इस सीट पर एकनाथ शिंदे अपना दबदबा बनाए हुए हैं। बता दें कि इस सीट पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी।