Saturday, November 02, 2024
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Maharashtra Assembly Elections 2024: किसके खाते में जा सकती है कणकवली सीट? जानें यहां के चुनावी समीकरण

नितीश राणे का लक्ष्य कणकवली सीट से जीत की हैट्रिक लगाने का होगा। वहीं, कांग्रेस यहां वापसी करना चाहेगी। यह सीट रत्नागिरी-सिंधूदुर्ग लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां कुछ महीने पहले हुए चुनाव में बीजेपी ने नरायण राणे को जीत मिली थी।

Edited By: Shakti Singh
Updated on: November 02, 2024 15:57 IST
Kankanvali seat- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024

Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 का ऐलान हो चुका है और सभी दलों ने अधिकतर सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं। गठबंधन तय हो चुके हैं और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी हो चुका है। सभी पार्टियों ने अपनी रणनीति तय कर ली है और चुनाव प्रचार पूरी तरह जोर पर है। इस बीच कणकवली सीट बेहद अहम बनी हुई है। महाराष्ट्र में सभी 288 सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होना है और 23 नवंबर को नतीजों का ऐलान होगा। 

इस चुनाव में कुल 9.63 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। महाराष्ट्र में असली लड़ाई महायुति गठबंधन और महा विकास अघाड़ी गठबंधन के बीच है। एक तरफ बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी हैं। यही गठबंधन फिलहाल सत्ता में है। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस, वसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) हैं। हालांकि, पूरी संभावना है कि यह सीट महायुति के खाते में जाएगी।

मतदान की अहम तारीखें

22 अक्टूबर को चुनाव का ऐलान होने के साथ ही कणकवली सीट पर भी नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। नामांकन की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर है। वहीं, 30 तारीख को नामों की छटनी की जाएगी। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख चार नवंबर है। 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे। 25 नवंबर तक मतदान पूरा होना जरूरी है।

कणकवली का चुनावी इतिहास

कणकवली में पिछले दो बार से नीतेश नरायण राणे विधायक बन रहे हैं। 2019 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर 84,504 वोट हासिल किए थे और विधायक बने थे। वहीं, 2014 में वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे। तब उन्हें 74,715 वोट मिले थे। 2009 में प्रमोद शंतराम इस सीट पर विधायक चुने गए थे। वह बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे। 2004 में यशवंतराव नाईक निर्दलीय विधायक बने थे। उन्हें 65,717 वोट मिले थे।

इस सीट पर 1978 से चार बार भारतीय जनता पार्टी और तीन बार कांग्रेस का विधायक चुना जा चुका है। इस लिहाज से दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर रही है। हालांकि, 2000 के बाद कांग्रेस सिर्फ एक बार ही जीत हासिल कर पाई है। नीतेश राणे खासे लोकप्रिय नेता हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए जीत की राह आसान हो सकती है।

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