Friday, October 25, 2024
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महाराष्ट्र चुनावः शरद पवार की अजीत पवार को घेरने की तैयारी, बारामती में चाचा-भतीजे की जंग में किसका पलड़ा भारी?

बारामती विधानसभा सीट पर इस बार बड़ा ही रोचक मुकाबला होने वाला है। यहां से पवार परिवार आमने-सामने है। डिप्टी सीएम अजीत पवार को उनके ही भतीजे युगेंद्र टक्कर दे रहे हैं।

Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: October 25, 2024 10:49 IST
बारामती विधानसभा चुनाव 2024- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV बारामती विधानसभा चुनाव 2024

बारामती विधानसभा चुनाव 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव बड़ा ही दिलचस्प हो गया है। बारामती के विधानसभा चुनाव पर महाराष्ट्र ही नहीं देशभर की निगाहें हैं। दरअसल, बारामती ही वह जगह है जहां से शरद पवार ने अपने चुनावी राजनीति शुरू की थी। बाद में उन्होंने अपनी परंपरागत सीट भतीजे अजीत पवार को दे दी थी। शरद पवार के बाद अजीत पवार यहां से लंबे समय से विधायक हैं। 

बारामती से चाचा-भतीजा आमने-सामने

बारामती में 20 नवंबर को होने वाली वोटिंग से पहले एनसीपी के दोनों गुट की चुनावी लड़ाई बहुत ही रोचक हो गई है। दरअसल, शरद पवार ने अपने गढ़ बारामती से पोते युगेंद्र पवार को टिकट दिया है। चाचा से बगावत कर पार्टी पर कब्जा जमाने वाले अजीत पवार भी बारामती से ही चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों पार्टियों ने आधिकारिक तौर पर लिस्ट भी जारी कर दी है। 

शरद पवार ने बनाई खास रणनीति

जानकारी के अनुसार, शरद पवार ने अजीत पवार को घेरने के लिए खास रणनीति बनाई है। इसी रणनीति के तहत उन्होंने अजीत पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे युगेंद्र को टिकट दिया है। यानी बारामती की लड़ाई अब चाचा-भतीजे के बीच देखने को मिलेगी। जब पवार परिवार में राजनीतिक विवाद हुआ था तो श्रीनिवास और युगेंद्र ने शरद पवार का साथ दिया था और खुलकर अजीत पवार की आलोचना की थी। पवार परिवार में उस समय ज्यादा तनाव देखने को मिला था जब अजीत पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा को बहन सुप्रिया सुले के सामने बारामती संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़वाया था। हालांकि सुनेत्रा अपनी ननद से लोकसभा चुनाव हार गई थीं।

बारामती का चुनावी इतिहास

 
बारामती चुनावी क्षेत्र शरद परिवार का गढ़ माना जाता है। पवार परिवार के पास यह सीट 57 साल से है। 1967 से शरद पवार बारामती से विधायक चुने जाते रहे। बाद में शरद ने भतीजे अजीत को यह सीट दे दी। उनके बाद अजीत पवार 1993 से लगातार यहां से विधायक हैं।  एनसीपी के दोनों गुट पहली बार पार्टी के विभाजन के बाद विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए इस बार देखने होगा कि यहां कि जनता शरद पवार के साथ है या फिर अजीत पवार के साथ। हालांकि लोकसभा चुनाव में शरद पवार यहां से हावी रहे और उनकी बेटी को बड़ी जीत मिली।

बारामती में 2019 में हुए चुनाव में अजीत पवार ने बीजेपी उम्मीदवार को बड़े अंतर से हराया था। अजीत 195,641 वोट तो बीजेपी उम्मीदवार गोपीचंद पडलकर तो मात्र 30, 376 वोट मिले थे। 2014 और 2009 में भी अजीत पवार को बड़ी जीत मिली थी। बता दें कि बारामती पुणे जिले में आता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, यहां पर जनसख्या 429,600 है। 

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