Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दिन नजदीक आते जा रहे हैं। राज्य की सभी 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। महाराष्ट्र में इस बार किसकी सरकार बनेगी, महायुति या महा विकास अघाड़ी गठबंधन की? महायुति में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है। वहीं, महा विकास अघाड़ी यानी MVA में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की एनसीपी (शरदचंद्र पवार) है। ऐसे में आज हम महाराष्ट्र की ठाणे विधानसभा सीट की बात करेंगे। यह सीट शिवसेना का गढ़ रही है। हालांकि, 2014 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है।
2024 में किसके बीच मुकाबला?
2024 के विधानसभा चुनाव में ठाणे में शिवसेना यूबीटी और बीजेपी के बीच मुकाबला होगा। ठाणे से शिवसेना यूबीटी ने राजन विचारे को चुनावी मैदान में उतारा है, तो वहीं बीजेपी ने संजय केलकर को टिकट दिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यहां बीजेपी हैट्रिक लगाने में कामयाब होती है या फिर शिवसेना यूबीटी पुराना वर्चस्व हासिल करने में कामयाब रहेगी।
क्या रहे पिछले चुनाव के नतीजे?
1962 में ठाणे विधानसभा सीट पर पहली बार चुनाव हुआ था। तब कांग्रेस के चम्पा मोकल ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1967 और 1972 के चुनाव में भी यहां से कांग्रेस ने जीत दर्ज की। 1967 में कांग्रेस के डी. के. राजर्षि और 1972 में कांग्रेस के विमल रंगनेकर ने चुनाव जीता। 1978 में यहां से जनता पार्टी के गजानन मोतीराम कोली ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद 1980 और 1985 में कांति कोली ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की। इसके बाद यहां कांग्रेस राज खत्म हो गया और शिवसेना का वर्चस्व शुरू हो गया। 1990, 1995 और 1999 में मोरेश्वर दामोदर जोशी ने हैट्रिक लगाई। फिर 2004 में वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जीत दर्ज की। उसके बाद 2009 में शिवसेना उम्मीदवार राजन विचारे ने जीत हासिल की। इसके बाद 2014 और 2019 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बाजी मारी।
क्या है सीट के जातीय आंकड़े?
अनारक्षित श्रेणी में आनी वाली ठाणे विधानसभा सीट पर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 3 लाख 36 हजार 900 मतदाता हैं। इसमें से करीब 8 फीसदी यानी 26 हजार 952 मुस्लिम मतदाता हैं। दूसरे पायदान पर यहां एससी वोटर्स आते हैं। उनकी तादात साढ़े 16 हजार के आस-पास है। आदिवासी वोटर्स 7 हजार के आस-पास हैं। इसके अलावा यहां करीब 8 हजार पाटिल, 7 हजार के आस-पास यादव और 5 हजार के करीब क्रिश्चियन मतदाता हैं।