महाराष्ट्र चुनाव सिर पर है और ऐसे में राजनीतिक दलें अपनी सारी दांव-पेंच आजमा रही है। जहां तक महाविकास अघाड़ी (MVA) की बात है। वहां महाराष्ट्र की सीटों को लेकर चर्चा चल रही है। कांग्रेस समाजवादी पार्टी को दो सीटें देने के लिए तैयार है लेकिन सपा प्रमुख ने गठबंधन के तहत महाराष्ट्र यूनिट में 5 सीटों की मांग की है। सपा 5 सीटों के लिए जिद्द पर अड़ी है और उसका कहना है कि अगर उसे ये 5 सीटें नहीं दी गईं तो वह 25 से 30 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतार देंगे।
अखिलेश ने गठबंधन सियासत को लेकर रखा अपना पक्ष
अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव को यह तय करना है कि वह गठबंधन धर्म निभाएंगे या फिर गठबंधन तोड़ महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लड़ेंगे। इस सवाल पर फिलहाल अखिलेश यादव का पक्ष ये है कि वे पहले अपनों की सुनेंगे फिर तय करेंगे कि उन्हें आगे क्या करना है। उन्होंने गठबंधन के सवाल पर कहा कि, "महाराष्ट्र में सीटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी का पक्ष प्रदेश अध्यक्ष तय करेंगे - पहले हम गठबंधन में रहने की कोशिश करेंगे। लेकिन, अगर महाविकास अघाड़ी हमें गठबंधन में नहीं रखेंगे, तो हम उन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जहां हमें वोट मिलेंगे या हमारा संगठन वहां काम कर रहा है। हम उन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जो गठबंधन को नुकसान नहीं पहुंचाएंगी लेकिन, राजनीति में त्याग के लिए कोई जगह नहीं है।"
सपा का दावा - कई सीटें जीत सकते हैं
जहां एक तरफ कांग्रेस ने यूपी में होने वाले उपचुनावों में सपा के लिए पूरा मैदान छोड़ दिया है। वहीं, अब अखिलेश यादव पर भी महाराष्ट्र में गठबंधन धर्म निभाने का दबाव है। इस पेंच में दोनों पार्टियां गठबंधन की सियासत निभाने के लिए मजबूर हैं। दोनों पार्टियों को अपने-अपने राज्य यूनिट का दबाव झेलना पड़ रहा है। महाराष्ट्र सपा यूनिट के अध्यक्ष अबु हसन आजमी का कहना है कि महाराष्ट्र में सपा कई सीटें जीतने की स्थिति में है। उन्होंने बताया कि वे खुद 28 अक्तूबर को मानखुर्द शिवाजी नगर से अपना नामांकन भरेंगे।
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