महाराष्ट्र चुनाव को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले एक महीने में महाराष्ट्र के अलग-अलग क्षेत्रों की लगभग 7 से 8 बैठ के ले चुका है। मुंबई ,मराठवाडा, विदर्भ, कोंकण इन तमाम क्षेत्रों में आरएसएस ने कई बैठक ली है। आने वाले 1 महीने में हर जिले की संघ और बीजेपी के बीच सामान्य बैठक की योजना तय की गई है। महाराष्ट्र चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत के संदर्भ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने माइक्रो मैनेजमेंट तैयार किया है। संघ ने हिंदुत्व के मुद्दे से दूर न जाने और जाति समीकरण को जोड़ते हुए हिंदुत्व के मूल मुद्दे को बनाए रखने की सलाह दी है।
संघ और बीजेपी की समन्वय बैठक
नागपुर में कुछ दिन पूर्व विदर्भ प्रांत की संघ एवं बीजेपी की समन्वय बैठक हुई। इस बैठक में संघ की तरफ से सह सरकार्यवाह अरुण कुमार एवं अतुल लिमय एवं विदर्भ के संघ के पदाधिकारी मौजूद थे। बैठक में BJP के सभी विधायकों पूर्व विधायकों के साथ-साथ महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को बुलाया गया था। 2 दिन पूर्व आरएसएस के रेशम बाग स्थित हेडगेवार स्मृति भवन में नागपुर जिले की संबंध में बैठक संघ और बीजेपी के बीच हुई। इसमें संघ कि तरफ से सह सरकार्यवाह अतुल लिमय मौजूद थे। इस बैठक में नागपुर जिले के भाजपा के सभी विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद वर्तमान सांसद एवं सभी पदाधिकारी को बुलाया गया था।
आरएसएस ने रणनीति अपने हाथों में ली
हरियाणा जीत के बाद हर हाल में महाराष्ट्र में बीजेपी की सत्ता बननी चाहिए इसके लिए आरएसएस ने पूरी रणनीति अपने हाथों में ले ली है। इसके लिए संघ ने भारतीय जनता पार्टी के साथ समन्वय बैठकों का दौर शुरू कर दिया है। बीजेपी किस तरीके से चुनाव लड़े कौन सी बातें सामने लाई जाए इसके लिए संघ ने रोडमैप तैयार कर लिया है। संघ एवं भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को निम्न बिंदुओं पर कार्य करने की हिदायत दी गई है-:
- भारतीय जनता पार्टी द्वारा अजीत पवार एवं एकनाथ शिंदे की दो पार्टियों को जोड़ने के बाद भारतीय जनता पार्टी के मूल कार्यकर्ता बैक फुट पर चले गये थे, कार्यकर्ता जो कई वर्षों से कम कर रहे थे उन्हे तबज्जो नहीं मिलने से कार्यकर्ताओं में काफी नराजगी थी। संघ का कहना है कि सभी कार्यकर्ताओं और पुराने कार्यकर्ताओं को भी तवज्जो दिया जाए।
- संघ ने माइक्रो मैनेजमेंट शुरू किया है, संघ ने हिदायत दी है कि डोर टू डोर सम्पर्क के तहत कार्य किया जाए। सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देने और उसे लाइक कर देने से काम नहीं चलेगा। सभी कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाए, जिस तरह लोकसभा के चुनाव में कार्यकर्ता गफलत में थे वैसी गफलत में ना रहे।
- हिंदुत्व के मुद्दे से दूर न जाए, जाति समीकरण को जोड़ते हुए हिंदुत्व के मूल मुद्दे को बनाए रखें।
- टिकट किसे भी दें लेकिन मूल कार्यकर्ताओं को दुर्लक्ष ना किया जाए, मूल कैडर के जो बीजेपी के कार्यकर्ता हैं उन्हें जवाबदारी दी जाए।
- विपक्ष जो नेरेटिव सेट करता है विपक्ष के नैरेटिव को हावी न होने दिया जाए, जनता में भ्रम पैदा ना हो।
- बूथ को मजबूत किया जाए।
- मतदान का प्रतिशत 60% से ऊपर ले जाया जाए। संघ ने कहा कि लोकसभा चुनाव में ऐसा देखा गया है कि जहां बीजेपी को वोट मिलते थे वहां पर उसे बूथ पर 40 से 45% मत मिले हैं और जहां नहीं मिलते थे वहां पर 60% पड़े हैं। मतदाताओं की संख्या, मतदान की संख्या बढ़ाई जाए, कार्यकर्ता मतदाताओं घर से बाहर निकालें।
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