Nandurbar Assembly Seat: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है और विभिन्न सियासी दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। सूबे में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं जिनके लिए 20 नवंबर 2024 को मतदान होना है। सभी 288 सीटों के लिए वोटों की गिनती 23 नवंबर 2024 को की जाएगी। महाराष्ट्र की इन्हीं 288 सीटों में से एक नंदुरबार भी है जो अनुसूचित जनजाति यानी कि एसटी उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। नंदुरबार की सीट पर पूरे महाराष्ट्र की नजरें रहती हैं क्योंकि सूबे के दिग्गज नेताओं में शामिल विजयकुमार गावित इसी सीट से चुनाव लड़ते हैं।
क्या है नंदुरबार का सियासी समीकरण?
नंदुरबार विधानसभा सीट की बात करें तो पिछले करीब 30 सालों से विजयकुमार गावित और नंदुरबार एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं। उन्होंने इस सीट पर अपना पहला चुनाव एक निर्दलीय के रूप में 1995 में लड़ा था और जीत दर्ज की थी। उसके बाद से आज तक विजयकुमार गावित ने हार का मुंह नहीं देखा है। उन्होंने 1999, 2004 और 2009 का चुनाव राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर लड़ा था और जीत दर्ज की थी। वहीं, 2014 और 2019 में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत दर्ज की। इस तरह अगर नंदुरबार को किसी पार्टी विशेष का न कहकर गावित का गढ़ कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
क्या रहा है पिछला चुनावी इतिहास?
2014 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े विजयकुमार गावित ने अपनी पुरानी पार्टी एनसीपी के कैंडिडेट कुणाल वसावे को 27118 मतों से पराजित किया था। विजयकुमार गावित को उन चुनावों में 101328 वोट मिले थे जबकि कुणाल वसावे को 74210 वोट मिले थे। वहीं, 2019 में गावित ने एनसीपी कैंडिडेट उदेसिंह पड़वी को 70 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया था। इस तरह देखा जाए तो गावित ने 2019 में 2014 से भी बड़ी जीत दर्ज की थी। अब बीजेपी ने गावित को फिर अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में 23 नवंबर को गावित नंदुरबार का अपना किला बचा पाते हैं या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।