Highlights
- शिंदे गुट के बागी विधायकों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
- महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकरने भेजा नोटिस
- 27 जून तक लिखित जवाब दाखिल करने को कहा
Maharashtra: शिवसेना शिंदे गुट में गए बागी विधायकों को अयोग्य करार देने की पूरी कोशिश में है। इसको लेकर शिवसेना ने कई बागी विधायकों के नाम महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष के पास भेजे थे ताकि उनके खिलाफ अयोग्य करार देने की कार्रवाई शुरू की जा सके। अब इसक्रम में महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को समन भेजा है। इस नोटिस के तहत विधायकों को 27 जून शाम 5.30 बजे तक लिखित जवाब दाखिल करना होगा।
अगर दस्तावेजों के साथ पेश नहीं हुए तो...
डिप्टी स्पीकर द्वारा भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य (दलबदल नियम 1986 के आधार पर अयोग्यता) के अनुसार आपको 27 जून शाम 5:30 बजे तक अपने बचाव के लिए लिखित स्पष्टीकरण भेजना होगा। इसके साथ ही आपको उन दस्तावेजों को लाना होगा जिनकी बिनाह पर आप अपना पक्ष पेश करेंगे। इस नोटिस में बागी विधायकों को चेताया गया है कि वे अगर दी गई समयावधि तक अपने मामले को उचित दस्तावेज के साथ पेश नहीं करते हैं, तो ये मान लिया जाएगा कि आपको कोई आपत्ति नहीं है या डिप्टी स्पीकर द्वारा दिए जा रहे नोटिस पर आपके पास कोई सफाई नहीं है।
विधायकों को अयोग्य करार देने के लिए शिवसेना की पुरजोर कोशिश
शिवसेना ने कल शुक्रवार को चार और बागी विधायकों के नाम महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष के पास भेजे थे ताकि उनके खिलाफ अयोग्य करार देने की कार्रवाई शुरू की जा सके। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि पार्टी बागी धड़े के 16 विधायकों को भी नोटिस जारी करेगी और उनसे सोमवार तक जवाब देने को कहेगी। जिन चार विधायकों के नाम उपाध्यक्ष के पास भेजे गए हैं उनमें संजय रायमुलकर, चिमन पाटिल, रमेश बोरनारे और बालाजी कल्याणकर शामिल हैं। सावंत ने कहा, ‘‘उन्हें एक पत्र जारी करने के बावजूद उनमें से कोई भी मुंबई में यहां बुधवार शाम को हुई पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुआ।’’
पार्टी ने बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे समेत 12 नेताओं के नाम पहले ही उपाध्यक्ष को भेजकर उन्हें अयोग्य करार देने की मांग की है। सावंत ने कहा, ‘‘अब केवल मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना में उनकी वापसी के बारे में फैसला ले सकते हैं, वरना पार्टी के दरवाजे उनके लिए हमेशा के लिए बंद हैं। उन्होंने भगवा ध्वज के साथ विश्वासघात किया है।’’