महाराष्ट्र की सियासत में औरंगजेब का जिन्न फिर एक बार बोतल से बाहर आ गया है। एक बार फिर औरंगजेब के बहाने सियासी दल अपनी-अपनी रोटियां सेकने में लगी हुई हैं। कोई औरंगजेब को क्रूर शासक बता रहा है, तो किसी के लिए औरंगजेब मुगल सम्राट था, जिसने कई हिंदू मंदिरों के निर्माण में मदद की। औरंगजेब पर गरमाते सियासी माहौल के बीच बड़ा सवाल यह है कि जिस महाराष्ट्र की सियासत पिछले 60 साल से छत्रपति शिवाजी महाराज के इर्द-गिर्द घूम रही थी वहां आखिर ऐसा क्या हुआ कि पिछले 1 साल से महाराष्ट्र के लगभग हर नेता की जुबान पर औरंगजेब का नाम है?
महाराष्ट्र में गरमाया औरंगजेब का मुद्दा
दरअसल मई 2022 में असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी महाराष्ट्र के संभाजी नगर में औरंगजेब की कब्र पर मत्था टेकने गए थे। इस दौरान ओवैसी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और पहली बार राज्य में औरंगजेब का मुद्दा गरमा गया। इसके बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ और शिंदे सरकार ने औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर रख दिया है। औरंगाबाद का नाम बदलने के बाद से ही वहां के कुछ स्थानीय लोगों में गुस्सा है। इस गुस्से का असर भी औरंगाबाद में के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया। तब से औरंगजेब के मुद्दे पर जो सियासत शुरू हुई है, जो अबतक थमी नहीं है। महाराष्ट्र के 4 जिलों में औरंगजेब के मुद्दे पर बवाल देखने को मिला। अहमदनगर, छत्रपति संभाजी नगर, नासिक और धूले इससे प्रभावित हुए। साथ ही औरंगजेब का फोटो लगाने और औरंगजेब का स्टेटस रखने को लेकर भी विवाद देखने को मिल चुका है।
विधानसभा में औरंगजेब पर तीखी बहस
महाराष्ट्र का हर राजनीतिक दल औरंगजेब के मुद्दे को अपने वोट बैंक के अनुसार भुनाने की कोशिश कर रहा है। समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम पार्टी के नेता औरंगजेब के बचाव का काम कर रहे हैं। वहीं कांग्रस कांग्रेस, ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद कैंप का कहना है कि यह कोई मुद्दा नहीं है। उनका कहना है कि भाजपा औरंगजेब के बहाने ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा ने सख्त लहजे में कहा है कि औरंगजेब का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के दौरान औरंगजेब का मुद्दा सदन में भी गूंजा। भाजपा विधायक नितेश राणे ने सपा विधायक अबू आजमी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'औरंगजेब का स्टेटस रखने वाले, वंदे मातरम नहीं बोलने वाले लोग गद्दार हैं। ऐसे लोगों को देश से बाहर निकाल देना चाहिए।' इसपर आपत्ति जताते हुए अबू आजमी ने भी पलटवार किया। सपा विधायक अबू आजमी और रईस शेख ने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज ही हमारे हीरो हैं।