महाराष्ट्र: अहमदनगर जिले के एक गांव में बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने के लिए नौ घंटे तक प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें जुटी रहीं लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम का चलाया गया अभियान विफल रहा और मंगलवार को बच्चे का शव बाहर निकाला गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों के मुताबिक, मृतक की पहचान गन्ना मजदूर के बेटे सागर बरेला के रूप में की गई है। उसके पिता मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के निवासी हैं। बच्चा सोमवार को शाम के चार बजे खेलते-खेलते बोरवेल में जा गिरा था। जानकारी मिलते ही प्रशासन और एनडीआएफ की पूरी टीम तुरंत पहुंच गई थी और बच्चे को बोरवेल से निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
काफी मशक्कत के बाद भी बच्चे कोे बचाया नहीं जा सका
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बच्चा पुणे शहर से करीब 125 किलोमीटर दूर कर्जत तहसील के कोपर्डी गांव में सोमवार की शाम करीब पांच बजे बैलगाड़ी से उतरने के तुरंत बाद खेल रहा था और खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया था। इसके बाद, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मियों ने स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के कर्मियों के साथ मिलकर उसे बचाने के लिए घंटों तक अभियान चलाया लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका।
विधायक ने किया ये ट्वीट, दी नसीहत
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "बच्चे को मंगलवार को करीब दो बजे बोरवेल से मृत बाहर निकाला गया।" अधिकारियों के मुताबिक, बच्चा बोरवेल में 15 फीट की गहराई में जाकर फंसा हुआ था। वहीं, कर्जत-जामखेड के विधायक रोहित पवार ने कहा कि किसानों को अपने खेतों में बोरवेल को ठीक से ढंकना चाहिए। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा, "मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एक मजदूर के बच्चे की बोरवेल में गिरकर मौत की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। लाख कोशिशों के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। लेकिन ऐसी घटनाओं से बचने के लिए, किसानों को अपने खेतों में बोरवेल को ठीक से ढंकना चाहिए।"
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