नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में समलैंगिकता का विरोध करने पर एक छात्रा ने फांसी लगाकर जान दे दी है। उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मुझे माफ करना मैं समलैंगिक हूं, ये समाज मुझे स्वीकार नहीं करेगा। छात्रा ने ये भी लिखा कि आगे चलकर शादी में काफी दिक्कतें आएंगी और मैं शादी के बाद सुखी जीवन नहीं जी पाऊंगी। समाज भी मेरा विरोध करेगा।
मृत लड़की की उम्र महज 18 साल थी। पुलिस ने सुसाइड नोट को बरामद कर लिया है। इस नोट में लड़की ने अपने परिजनों से माफी मांगी है और कहा है कि हर किसी को अपनी इच्छा के अनुसार जीवन जीने का हक है। मेरे समलैंगिक होने की वजह से परिवार और समाज मेरा विरोध कर रहा है। समलैंगिकता का विरोध करना उचित नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस का कहना है कि लड़की नागपुर के एक कॉलेज में बीए सेकेंड ईयर में पढ़ रही थी। उसके पिता केंद्र सरकार के एक विभाग में काम करते हैं और मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। माता-पिता और छोटे भाई के साथ परिवार नागपुर के गिट्टी खदान इलाके में रहता था। लड़की को ये एहसास हुआ कि वह समलैंगिक है। उसने अपने परिवार को इसके बारे में बताया। उसके माता-पिता सहम गए। मां-बाप ने पहले उसे डांटा और फिर माता-पिता उसके व्यवहार पर नजर रखने लगे। उसकी बार-बार काउंसलिंग की गई और उसे समझाने की कोशिश की गई।
जिस दौरान ये घटना घटी, उस समय लड़की के माता-पिता और भाई बाहर गए थे। इसी दौरान लड़की ने पंखे से रस्सी के सहारे फांसी लगा ली। परिजन घर आए तो वह फंदे पर लटकी मिली। वे उसे मेयो अस्पताल ले गए। हालांकि, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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