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महाराष्ट्र के 17 लाख कर्मचारियों में रोष, 7 दिन की हड़ताल पर गए तो सरकार ने काटा वेतन

लगभग 17 लाख कर्मचारी इससे से प्रभावित हुए हैं। 7 दिन के हड़ताल के बाद सरकारी कर्मियों की मांग पूरी नहीं हुई, उल्टे इनकी 7 दिन की वेतन कटौती का आदेश जारी किया गया है।

Reported By: Yogendra Tiwari
Updated on: March 31, 2023 10:05 IST
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

महाराष्ट्र: पुरानी पेंशन की मांग को लेकर 7 दिनों तक हड़ताल किए कर्मचारियों को सरकार की तरफ से बड़ा झटका दिया गया है। सरकार ने एक आदेश जारी कर हड़ताल पर गए कर्मचारियों की 7 दिन की वेतन कटौती का आदेश जारी कर दिया है। लगभग 17 लाख कर्मचारी इससे से प्रभावित हुए हैं। 7 दिन के हड़ताल के बाद सरकारी कर्मियों की मांग पूरी नहीं हुई, उल्टे इनकी 7 दिन की वेतन कटौती का आदेश जारी किया गया है। सरकारी कर्मचारी जो हड़ताल पर गए थे उनमें काफी ज्यादा असंतोष देखा जा रहा है। कर्मचारियों द्वारा हड़ताल वापस लेने पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि हड़ताली कर्मचारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन इस आश्वासन के बाद भी 7 दिन का बिना वेतन असाधारण अवकाश मंजूर करने से राज्य के 17 कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा है।

हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को बड़ा झटका

महाराष्ट्र राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन और अन्य कर्मचारी संगठनों की पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर 14 मार्च से 21 मार्च तक की अवधि में बेमियादी राज्य स्तरीय हड़ताल की गई थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा कर्मचारियों पर कोई अन्याय नहीं करने का आश्वासन देने के बाद हड़ताल वापस ली गई थी, लेकिन सरकार हड़ताल की अवधि का वेतन नहीं देने के आदेश जारी किए है, इसलिए मांगे मंजूर हुई नहीं, इसके विपरीत वेतन कटौती पर हड़ताल में शामिल कर्मचारियों को बड़ा झटका दिया है।

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राज्य के 17 लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर थे

एक मिशन पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए 14 से 20 मार्च तक राज्य के 17 लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर थे। सरकार ने इस दौरान 14 मार्च को पेंशन की समीक्षा करने के लिए एक अभ्यास समिति गठित की थी, फिर भी कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी थी। सरकार ने बीच का रास्ता निकालने के लिए 20 मार्च को फिर से कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक की थी। अंतत: 3 सदस्य समिति की रिपोर्ट आने के बाद नई और पुरानी पेंशन योजना के आर्थिक अंतर कम कर कर्मचारियों को लाभ दिया जाएगा, यह आश्वासन मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की समिति को दिया था, जिसके बाद हड़ताल वापस ली गई थी।

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'54 दिन की हड़ताल के दौरान वेतन कटौती नहीं की गई' 

28 मार्च को सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी किया है। इस हड़ताल की अवधि की सेवा खंडित न करते हुए नियमित करा दी गई है, लेकिन इन 7 दिनों की बिना वेतन असाधारण अवकाश मंजूर कर देने से राज्य के 17 लाख कर्मचारियों में रोष है। हड़ताल पर गए कर्मियों के संगठनों का कहना है कि कर्मचारियों ने विभिन्न मांगों को लेकर अनेक बार हड़ताल की। एक बार 54 दिन की हड़ताल के दौरान भी वेतन कटौती नहीं की गई थी। इस तरह पहली बार वेतन कटौती कर कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने का प्रयास सरकार ने किया है। वेतन कटौती कर सरकार ने 17 लाख कर्मचारियों के साथ विश्वासघात किया है।

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