Thursday, December 19, 2024
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महाराष्ट्र में सामने आए कोविड-19 के 10,989 नए मामले, 261 मरीजों की मौत

महाराष्ट्र में बुधवार को कोविड-19 से 261 मरीजों की मौत हो गयी तथा 10,989 नए मामले आए। पिछले 24 घंटे में 16,379 मरीज ठीक भी हुए। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि नए मामलों के साथ संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 58,63,880 और मृतक संख्या 1,01,833 हो गयी है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 09, 2021 21:17 IST
Maha reports 10,989 COVID-19 cases, 261 deaths
Image Source : PTI महाराष्ट्र में बुधवार को कोविड-19 से 261 मरीजों की मौत हो गयी तथा 10,989 नए मामले आए।

मुंबई: महाराष्ट्र में बुधवार को कोविड-19 से 261 मरीजों की मौत हो गयी तथा 10,989 नए मामले आए। पिछले 24 घंटे में 16,379 मरीज ठीक भी हुए। राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि नए मामलों के साथ संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 58,63,880 और मृतक संख्या 1,01,833 हो गयी है। महाराष्ट्र में पिछले दो दिनों से संक्रमण के नए मामलों की संख्या 10 हजार के आस-पास रह रही है। इससे पहले नौ मार्च को महाराष्ट्र में कोविड-19 के 9927 नए मामले सामने आए थे। राज्य में अब तक कुल 55,97,304 लोग इस जानलेवा वायरस के संक्रमण को मात दे चुके हैं। राज्य में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 1,61,864 हो गयी है। संक्रमण से ठीक होने की दर 95.45 प्रतिशत है जबकि मृत्यु दर 1.74 प्रतिशत हो गयी है।

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के लिए 2,20,912 नमूनों की जांच की गयी। राज्य में अब तक कुल 3,71,28,093 नमूनों की जांच हो चुकी है। इस दौरान राजधानी मुंबई में कोविड-19 के 785 नए मामले सामने आए जबकि 27 मरीजों की मौत हो गयी। देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई में कुल संक्रमितों की संख्या 7,12, 840 पहुंच गयी जबकि मृतकों की तादाद 15,033 हो गयी।

वहीं, बंबई हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए केन्द्र सरकार का रुख सीमाओं पर खड़े होकर वायरस के आने का इंतजार करने की बजाय सर्जिकल स्ट्राइक करने जैसा होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जीएस कुलकर्णी की एक पीठ ने कहा कि केन्द्र सरकार का नया घर के पास (नीयर टू होम) टीकाकरण कार्यक्रम केन्द्र तक संक्रमण वाहक के आने का इंतजार करने जैसा है। 

पीठ ने कहा कि सरकार व्यापक रूप से जनता के कल्याण के लिए फैसले कर रही थी, लेकिन उसने काफी देरी कर दी जिस कारण कई लोगों की जान चली गई। अदालत वकील धृति कपाड़िया और कुणाल तिवारी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में सरकार को 75 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, दिव्यांगों और ‘व्हीलचेयर’ आश्रित या बिस्तर से उठ ना सकने वाले लोगों के लिए घर-घर जाकर टीकाकरण कार्यक्रम चलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

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