मुंबई: 2024 लोकसभा चुनाव में अब करीब 400 दिन बचे हैं, ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। उत्तर प्रदेश के बाद लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र सबसे प्रमुख राज्य है। यहां लोकसभा की कुल 48 सीटे हैं। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना ठाकरे गुट के साथ मिलकर महाराष्ट्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन ठाकरे सेना के साथ गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी को अपने दम पर महाराष्ट्र में अपने वोटों के गणित को बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
फिलहाल बीजेपी के साथ शिंदे गुट भले ही हो लेकिन बीजेपी अब किसी पर निर्भर रहना नहीं चाहती है। इसीलिए अभी से उसने मिशन 2024 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। महाराष्ट्र के नासिक में हो रहे प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में भारतीय जनता पार्टी ने अपने वोटों के प्रतिशत को बढ़ाने का संकल्प लिया है।
महाराष्ट्र में बीजेपी के सामने क्या है चुनौती?
देश के अन्य राज्यों के मुकाबले महाराष्ट्र में पांच बड़ी पार्टियां हैं और कुछ छोटे राजनीतिक दल भी हैं। महाराष्ट्र में मौजूद क्षेत्रीय दल जैसे एनसीपी, शिवसेना काफी मजबूत हैं। ऐसे में महाराष्ट्र का किला फतह करने के लिए अक्सर किसी छोटे दल की मदद लेनी पड़ती है। शिवसेना से धोखा खाने के बाद बीजेपी अपने दम पर अपने वोटों के प्रतिशत को बढ़ाने की कोशिश में जुट गई है।
बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे का कहना है कि 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट 28 प्रतिशत, शिवसेना का 19 प्रतिशत, कांग्रेस का 18 और एनसीपी का 17 प्रतिशत था। महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र से बीजेपी का वोट प्रतिशत 28 से बढ़ाकर 45-50 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
वो 2 रणनीति जो बढ़ा सकती हैं बीजेपी का वोट प्रतिशत-
विनोद तावडे का कहना है कि हमें यकीन है कि हमारे कार्यकर्ता महाराष्ट्र में वोट प्रतिशत बढ़ाने के लक्ष्य को पूरा कर पायेंगे। हमारी दो रणनीति है जिसके जरिए हम इस लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश करेंगे-
- पहला लक्ष्य - शिवसेना का परंपरागत हिंदू वोट बैंक
तावडे का कहना है कि राम मंदिर का विरोध करने वाली कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर शिवसेना ठाकरे गुट ने गलती की है। इस वजह से उनका परंपरागत हिंदू वोट बैंक नाराज़ हो गया है। यह वोट बैंक फिलहाल अस्थिर है और इसी वोट बैंक को अपने पाले में लाने की हम कोशिश करेंगे। - दूसरा लक्ष्य - कांग्रेस-एनसीपी का परंपरागत गरीब वोट बैंक
तावडे के मुताबिक, केंद्र सरकार की सभी गरीब कल्याण योजनाओं को समाज के आखरी स्तर के व्यक्ति तक ले जाना है। इससे कांग्रेस और एनसीपी का परंपरागत गरीब वोट बैंक प्रभावित होकर बीजेपी के पास आ सकता है। बीजेपी के सभी नेता, कार्यकर्ता इस लक्ष्य को अर्जित करने के लिए भरपूर प्रयास कर विजयी होंगे, ऐसा विश्वास है।
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