लंबे समय से कांग्रेस पार्टी का हिस्सा रहे महाराष्ट्र के चर्चित नेता संजय निरुपम को आखिरकार कांग्रेस पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के बीच हुए सीट बंटवारे को लेकर संजय निरुपम लगातार तीखे बयान जारी कर रहे थे। निरुपम ने हाल ही कांग्रेस के आलाकमान को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया था। आखिरकार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद संजय निरुपम के निष्कासन को मंजूरी दे दी है।
6 साल के लिए निष्कासित हुए निरुपम
कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी किए गए नोटिस के अनुसार, मल्लिकार्जुन खरगे ने महाराष्ट्र के दिग्गज नेता संजय निरुपम को तत्काल प्रभाव से 6 सालों के लिए पार्टी से निष्कासित किया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता भारत सिंह ने भी आलाकमान को संजय निरुपम पर कारवाई कर पार्टी से निष्कासित करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि जिस तरह से निरुपम पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं उससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में एक गलत मैसेज जा रहा है।
आज भी पार्टी पर बरसे थे निरुपम
संजय निरुपम ने बुधवार को भी कांग्रेस आलाकमान पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था- "कांग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे। पार्टी अपनी बची-खुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी, वह आज पूरी हो गई है। कल मैं खुद फैसला ले लूंगा।"
क्यों नाराज थे संजय निरुपम?
शिवसेना ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से अमोल कीर्तिकर को मैदान में उतार दिया है जबकि इस सीट से खुद संजय निरुपम चुनाव लड़ना चाहते थे। इसके बाद संजय निरुपम ने अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को सवालों के कठघरे में खड़ा किया था। उन्होंने कांग्रेस पर महाविकास अघाड़ी सरकार के समक्ष नतमस्तक होने का आरोप लगाया था। उन्होंने ये भी कहा था कि उद्धव ठाकरे गुट बिना कांग्रेस के सपोर्ट के एक भी सीट नहीं जीत पाएगा। यह उनकी खुली चुनौती है। निरुपम ने अमोल कीर्तिकर पर निशाना साधते हुए कहा था कि मैं ऐसे खिचड़ी चोर को बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं करूंगा।
शरद पवार और कांग्रेस में हुई नई डील! MVA में सीट बंटवारे की खींचतान के बीच नया ट्विस्ट