Lok Sabha Elections 2024: कोल्हापुर लोकसभा क्षेत्र पश्चिम महाराष्ट्र का एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में यह सीट हॉट सीट बनी हुई है, इसका कारण है कांग्रेस के उम्मीदवार। इस सीट पर कांग्रेस ने छत्रपति शिवाजी महाराज के 12वें वंशज छत्रपति शाहू को चुनाव मैदान में उतारा है तो वही शिवसेना (शिंदे) पार्टी की तरफ से मौजूदा सांसद संजय मंडलिक को एक बार फिर से महायुति यानी एनडीए ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
कोल्हापुर का इतिहास
जिले में मौजूद किले यहां के गौरवशाली इतिहास को बयां करते हैं। जिले में करीबन 13 किले मौजूद हैं। इनमें विशालगढ़ किला, पन्हाला किला काफी प्रसिद्ध हैं। इनके अलावा नया महल, छत्रपति शाहू महाराज राजमहल, राधानगरी वन्यजीव अभयारण्य, तीन दरवाजा, कलंबा झील, डीवाईपी सिटी मॉल, सिद्धगिरि ग्रामजीवन संग्रहालय और शालिनी पैलेस भी पर्यटकों को खूब लुभाते हैं।
कोल्हापुर की सबसे बड़ी पहचान यहां की हस्तशिल्प है। कोल्हापुरी चप्पलें तो देश ही नहीं बल्कि कई मुल्कों में जानी जाती है। इसके अलावा यहां की साड़ियां और गहने भी काफी मशहूर हैं। मराठी कला के क्षेत्र में भी कोल्हापुर का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यहां का महालक्ष्मी मंदिर प्राचीन धार्मिक स्थल है। प्राचीन काल और मध्यकाल में कोल्हापुर को दक्षिण काशी के नाम से भी जाना जाता था।
कोल्हापुर लोकसभा सीट का इतिहास
कांग्रेस ने की 10 बार जीत दर्ज
कोल्हापुर संसदीय सीट पर पहला आम चुनाव साल 1952 को हुआ। यह सीट कांग्रेस पार्टी का गढ़ रही। यहां से कांग्रेस ने 10 बार जीत हासिल की है। कांग्रेस के उदयसिंगराव गायकवाड़ सबसे ज्यादा 5 बार इस सीट से सांसद चुने गए। वहीं, सदाशिवराव मांडलिक 3 बार सांसद चुने गए। वह एक बार कांग्रेस, दो बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी वहीं, एक बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सांसद बने हैं।
कांग्रेस के उदयसिंगराव गायकवाड़ ने की 5 बार जीत दर्ज
साल 1952 में इस सीट से कांग्रेस के रत्नप्पा कुंभार सांसद बने। 1957 में यहां से भाऊसाहेब महागांवकर चुने गए। वह भारत की किसान एवं श्रमिक पार्टी के चुनाव निशान पर चुनाव लड़े थे। साल 1962 में कांग्रेस के वीटी पाटिल, 1967 में कांग्रेस के ही शंकरराव माने और 1971 में राजाराम निंबालकर चुनाव जीते। 1977 में भारत की किसान एवं श्रमिक पार्टी से दाजीबा देसाई सांसद बने। फिर साल 1980, 1984, 1989, 1991 और 1996 में कांग्रेस के उदयसिंगराव गायकवाड़ कांग्रेस पार्टी से लगातार 5 बार संसदीय चुनाव जीते हैं।
सदाशिवराव मांडलिक बने 4 बार सांसद
1998 में कांग्रेस से सदाशिवराव मांडलिक चुनाव लड़े और जीते। 1999 में वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और इसी पार्टी से 1999 और 2004 का फिर से चुनाव जीते। 2009 में सदाशिवराव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज की। इसके बाद साल 2014 में धनंजय महाडिक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीते। संजय मांडलिक एक बार फिर साल 2019 में इस सीट पर शिवसेना के लिए चुनाव जीतने में कामयाब हुए। इस बार भी एनडीए ने इन्हीं पर दांव लगाया है, हालांकि इस बार शिवसेना दो धड़ों में बंट चुकी है।
कब होंगे इस सीट पर चुनाव?
गौरतलब है कि राज्य में लोकसभा चुनाव 5 चरणों में हो रहे हैं। पहले चरण और दूसरे चरण का मतदान क्रमश: 19 व 26 अप्रैल को हो चुका है। अब तीसरे, चौथे और पांचवें चरण के लिए वोट डाले जाएंगे, जो क्रमश: 7 मई, 13 मई और 20 मई को होना है। कोल्हापुर में चुनाव 7 मई को होंगे और रिजल्ट 4 जून को आएंगे।
ये भी पढ़ें: