मुंबई: महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पार्टी के पूर्व विधायक और महाराष्ट्र प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ नामदेव उसेंडी ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। नागपुर में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने पार्टी में उनका स्वागत किया। उसेंडी ने आदिवासी समाज पर कांग्रेस द्वारा अन्याय करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने उसेंडी को 2 बार लोकसभा चुनाव और एक बार विधानसभा की उम्मीदवारी दी थी।
टिकट नहीं मिला तो उसेंडी ने थामा बीजेपी का दामन
बता दें कि उसेंडी को उम्मीद थी कि कांग्रेस इस बार भी लोकसभा चुनावों में उन्हें उम्मीदवारी देगी, लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। कांग्रेस ने इस बार गडचिरोली-चिमूर की लोकसभा सीट से डॉक्टर नामदेव दसाराम किरसन को मौका दिया है। उसेंडी ने दावा किया कि आदिवासी कांग्रेस के 22 जिला अध्यक्षों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि राज्य में पार्टी के नेता गुटबाजी में व्यस्त है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता आदिवासी समाज और गडचिरोली जैसे पिछड़े जिले का विकास नहीं कर सकते, और यही देखकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है।
2014 और 2019 में अशोक नेते से हारे थे उसेंडी
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों में नामदेव उसेंडी गडचिरोली-चिमूर सीट पर दूसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें बीजेपी उम्मीदवार अशोक नेते ने 77 हजार से भी ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी उम्मीदवार अशोक नेते को 5,19,968 वोट मिले थे जबकि नामदेव को 4,42,442 वोटों से संतोष करना पड़ा था। हालांकि 2014 के चुनावों में अशोक ने नामदेव को 2.35 लाख से भी ज्यादा मतों के अंतर से पराजित किया था। बता दें कि महाराष्ट्र में कुल 5 चरणों में चुनाव होंगे जिनमें से पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल और पांचवें चरण का मतदान 20 मई को संपन्न होगा। लोकसभा चुनावों के तहत वोटों की गिनती 4 जून को की जाएगी।