मुंबई क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी दक्षिण कोरियाई वीजा रैकेट चलाने के आरोप में एक नौसेना अधिकारी को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, जिस व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई है वह लेफ्टिनेंट कमांडर रैंक का अधिकारी है। गिरफ्तार किए गए अधिकारी पर फर्जी दस्तावेजों पर लोगों को विदेश भेजने में शामिल होने का भी आरोप है। इसके लिए लाखों रुपये भी लिए गए थे। आइए जानते हैं इस पूरे मामले को।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, नौसेना के लेफ्टिनेंट कमांडर रैंक के अधिकारी को कथित तौर पर एक रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये रैकेट जाली दस्तावेजों पर लोगों को दक्षिण कोरिया की यात्रा करने में मदद करता था। मुंबई क्राइम ब्रांच को एक नेवी ऑफिसर के फर्जी दस्तावेजों पर लोगों को विदेश भेजने वाले रैकेट में शामिल होने की सूचना मिली थी। पुलिस को पता लगा था कि संबंधित अधिकारी वीजा आवेदनों में तेजी लाने के लिए अपनी वर्दी में दक्षिण कोरियाई दूतावास का दौरा कर सकता है।
क्या करता था रैकेट?
इस रैकेट में शामिल लोग दक्षिण कोरिया में काम के अवसरों का वादा करते थे और वीजा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नकली दस्तावेज देते थे। दक्षिण कोरिया पहुंचते ये लोग अपना वीजा फाड़ देते थे और शरण मांगते थे और इसके बाद में नागरिकता मांगते थे।
हर शख्स से 10 लाख की वसूली
मुंबई क्राइम ने जब इस रैकेट से जुड़े अधिकारी से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह स्वीकार किया है। अधिकारी ने 8 से 10 लोगों को दक्षिण कोरिया की यात्रा की सुविधा देने की बात स्वीकार ली है। अधिकारी ने ये भी बताया है कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए वह प्रत्येक व्यक्ति से 10 लाख रुपये वसूलता था।
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