जलगांव: महाराष्ट्र के जलगांव जिले के चालीसगांव तहसील के कई गांवों में पिछले कई महीनों से तेंदुए का आतंक देखने को मिल रहा है। किसानों के खेत में छिपकर बैठा तेंदुआ आते-जाते लोगों पर हमला कर देता है। इसी क्रम में शुक्रवार 3 जनवरी को तेंदुए के हमले से एक 4 साल की बच्ची की मौत हो गई। वहीं बच्ची की मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। इस घटना के बाद चालीसगांव तहसील के कई गावों में भय और दहशत का माहौल है। ये घटना चालीसगांव के रंजनगांव शिवरा की है। किसानों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है।
चार महीने में किया तीसरा हमला
दरअसल, जलगांव जिले के चालीसगांव के कई गावों में इन दिनों जंगली तेंदुए का आतंक मचा है। चालीसगांव तहसील के रंजनगांव के शिवरा गांव में नींबू के बाग में खेल रही एक बच्ची पर जंगली तेंदुए ने हमला कर दिया। तेंदुआ इस बच्ची को घसीटकर काफी दूर तक ले गया। गांव वालों ने जब बच्ची को ढूंढ़ना शुरू किया तो उसका क्षत-विक्षत शव एक खेत में मिला। पिछले चार महीनों से चालीसगांव तहसील में तेंदुए के हमले की यह तीसरी घटना है।
खेत में काम कर रहा था मजदूर का परिवार
पुष्कर रवीन्द्र चव्हाण नाम के किसान का खेत रंजनगांव शिवरा में है। पुष्कर ने नींबू के बगीचे की देखभाल के लिए चार-पांच महीने पहले कंज्या पवार नाम के एक मजदूर को काम पर रखा था। कंज्या पवार अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ इस खेत में घर बनाकर रह रहे थे। कंज्या परिवार की बेटी नींबू के बगीचे में खेल रही थी, जिसका नाम रसाला था, जो महज 4 साल की थी। इसी दौरान खेत में छिपे एक तेंदुए ने इस बच्ची को पीछे से पकड़ लिया और खींचकर खेत में ले गया।
बच्ची को घसीट कर दूर ले गया तेंदुआ
जैसे ही कंज्या पवार को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने चिल्लाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर आसपास के किसान भी उसकी तरफ दौड़ पड़े। वहीं ग्रामीणों का शोर सुनकर बच्ची पर हमला करने वाला तेंदुआ वहां से भाग गया। तेंदुए के हमले में गंभीर रूप से घायल रसाला नाम की बच्ची को तुरंत चालीसगांव ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। तेंदुए के हमले से परेशान ग्रामीण उसे पकड़ने के लिए प्रशासन से मदद की मांग कर रहे हैं।
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