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सीबीआई की लीक हुई वह रिपोर्ट असली है, जिसमें अनिल देशमुख को क्लीन चिट दी गई: राकांपा

राकांपा नेता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया, ''सीबीआई अपनी साख बचाने के लिए, यह कह रही है कि रिपोर्ट गलत तरीके से हासिल की गई।'' उन्होंने कहा, ''अगर रिपोर्ट अदालत में पेश की जाती है, तो अनिल देशमुख को राहत मिलेगी। जो कुछ भी हो रहा है वह सब राजनीति से प्रेरित है।''

Reported by: Bhasha
Published on: September 02, 2021 19:01 IST
Anil Deshmukh, former Maharashtra Home minister- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO Anil Deshmukh, former Maharashtra Home minister

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने गुरुवार को दावा किया कि सीबीआई की लीक हुई वह रिपोर्ट असली है, जिसमें कथित तौर पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को भ्रष्टाचार मामले में क्लीन चिट दी गई है। राकांपा नेता और महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने अब दावा किया है कि रिश्वत दिये जाने के बाद यह रिपोर्ट लीक हुई थी और उसने इस संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। लेकिन केंद्रीय जांच ब्यूरो यह नहीं कह रहा है कि रिपोर्ट फर्जी है।

नवाब मलिक ने आरोप लगाया, ''सीबीआई अपनी साख बचाने के लिए, यह कह रही है कि रिपोर्ट गलत तरीके से हासिल की गई।'' उन्होंने कहा, ''अगर रिपोर्ट अदालत में पेश की जाती है, तो अनिल देशमुख को राहत मिलेगी। जो कुछ भी हो रहा है वह सब राजनीति से प्रेरित है।'' सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि उसने राकांपा नेता देशमुख के वकील आनंद डागा को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित प्रारंभिक जांच को कथित रूप से विफल करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

एजेसी ने सीबीआई के सब-इंस्पेक्टर अभिषेक तिवारी को भी डागा से कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट शनिवार की रात लीक हो गई थी। सीबीआई ने लीक की जांच शुरू की और बाद में दावा किया कि जांच के निष्कर्षों को प्रभावित किया गया है। बंबई उच्च न्यायालय ने देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एजेंसी को प्रारंभिक जांच शुरू करने का निर्देश दिया था।

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के वकील तो सीबीआई ने गिरफ्तार किया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि वकील पर देशमुख के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश में हो रही प्रारंभिक जांच को बाधित करने का आरोप है। उन्होंने बताया कि डागा को मुंबई से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया है। साथ ही बताया कि वकील को, गिरफ्तार किए गए सीबीआई के उपनिरीक्षक अभिषेक तिवारी के साथ यथोचित अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। तिवारी को डागा से कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए बुधवार की रात हिरासत में लिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने डागा और तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

'महाराष्ट्र सरकार ने अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई को दस्तावेज दिए'

महाराष्ट्र सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा पुलिस स्थानांतरण एवं पदस्थापन में कथित भ्रष्टाचार पर सौंपी गई रिपोर्ट सीबीआई को सौंप दी है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के लिए यह रिपोर्ट उसे सौंपी गई है। केंद्रीय अन्वेषण अभिकरण (सीबीआई) की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने न्यायमूर्ति एस. एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एन.जे.जमादार की खंडपीठ को बताया कि राज्य सरकार ने आश्वासन के तहत ये दस्तावेज मुहैया कराए हैं।

सिंह ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी दस्तावेजों की जांच करेगी और देखेगी कि क्या अदालत के आदेशों का अनुपालन हुआ है। पीठ सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया था कि देशमुख के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार एवं पद के दुरूपयोग की जांच में एजेंसी को कुछ दस्तावेजों की जरूरत है और सरकार इन्हें नहीं दे रही है और जांच में सहयोग नहीं कर रही है।

राज्य सरकार ने शुरू में यह कहकर दस्तावेजों को देने से इंकार कर दिया था कि सीबीआई ने जो दस्तावेज मांगे हैं उनकी देशमुख के खिलाफ जांच में कोई जरूरत नहीं है। बहरहाल पीठ ने पिछले महीने सरकार से इस पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था और निर्देश दिया था कि वह बताए कि कुछ दस्तावेज साझा करना चाहती है अथवा नहीं। इसके बाद राज्य सरकार कुछ दस्तावेज सीबीआई से साझा करने पर सहमत हो गई थी। अदालत ने सिंह की बातें सुनने के बाद मामले को दो सप्ताह के लिये स्थगित कर दिया।

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