Thursday, December 26, 2024
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Laxmi Cooperative Bank: 110 साल पुराने बैंक पर लगा ताला, जानें खातों में जमा आपके पैसे का अब क्या होगा

Laxmi Cooperative Bank: महाराष्ट्र के पश्चिमी क्षेत्र के 110 साल से भी अधिक पुराने अंग्रेजों के समय के कोपरेटिव बैंक "द लक्ष्मी सहकारी बैंक" पर ताला लग गया है। इस बैंक का हेड आफिस सोलापुर में है जबकि इसकी 10 से ज्यादा शाखाओं में पंढरपुर, सोलापुर ग्रामीण, औंध, आष्टी, नगर शामिल हैं।

Reported By : Jayprakash Singh Edited By : Swayam Prakash Published : Sep 23, 2022 16:41 IST, Updated : Sep 23, 2022 16:41 IST
RBI cancelled the license of Laxmi Cooperative Bank
Image Source : FILE PHOTO RBI cancelled the license of Laxmi Cooperative Bank

Highlights

  • महाराष्ट्र के लक्ष्मी कोपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द
  • कोपरेटिव बैंक में ज्यादातर पैसा किसानों का है
  • बैंक पर कर्जदारों का 105 करोड़ रुपये बकाया

Laxmi Cooperative Bank: महाराष्ट्र के पश्चिमी क्षेत्र के 110 साल से भी अधिक पुराने अंग्रेजों के समय के कोपरेटिव बैंक "द लक्ष्मी सहकारी बैंक" पर ताला लग गया है। इस बैंक का हेड आफिस सोलापुर में है जबकि इसकी 10 से ज्यादा शाखाओं में पंढरपुर, सोलापुर ग्रामीण, औंध, आष्टी, नगर शामिल हैं। इस बैंक में ज्यादातर पैसे गन्ना, कपास और सोयाबीन किसानों के रखे हुए हैं। इस कारण इस बैंक के बंद होने से किसानों का बुरा हाल है। 22 सितंबर को पैसों की अनियमत्ता और सावधि जमा से ज्यादा असुरक्षित लोन दिए जाने को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 'द लक्ष्मी सहकारी बैंक' को बंद करने का आदेश जारी करते हुए इसका लाइसेंस  कैंसिल कर दिया है। 

खातों में जमा रकम पर RBI का आदेश

कल देर शाम जब RBI ने बैंक का लाइसेंस रद्द किया तब से ही बैंक के सोलापुर हेड ऑफिस पर ताला लटका हुआ है। RBI ने ग्राहकों को 5 लाख रुपये निकालने की मोहलत दी है, लेकिन इस बैंक के ज्यादातर ब्रांच और हेड ऑफिस पर ताला लटका होने से ग्राहक निराश लौट जा रहे हैं। केंद्रीय बैंक RBI ने कहा है कि बैंक की निरंतरता ग्राहकों के हित में नहीं है। इसके साथ ही RBI ने कस्टमर्स के खातों में जमा रकम से निकासी के दावों को लेकर भी तस्वीर साफ कर दी है। केंद्रीय बैंक RBI की ओर से इस संबंध में बयान जारी कर कहा गया है कि अब बैंक के जमाकर्ता 5,00,000 रुपये तक का दावा कर सकते हैं। 

RBI के सख्त आदेश के बाद अब बैंक कारोबार या लेन-देन समेत अन्य वित्तीय कार्य बिना केंद्रीय बैंक के आदेश के नहीं कर सकेगा। इस संबंध में जारी RBI की ओर से कहा गया है कि प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से 5 लाख रुपये तक का दावा करने का हकदार होगा। पूंजी की कमी के चलते इस कोपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द किया गया है।

2 महीने पहले से ही बैंक के बाहर लगने लगी थी लाइनें
इस खबर के सामने आने के पहले ही करीब 2 महीने से लक्ष्मी कोपरेटिव बैंक के बाहर लोगों की कतार लगनी शुरू हो चुकी थी। बाजार में अफवाह फैल गई थी कि ये सहकारी बैंक अब उठ चुका है और इसके अंदर ग्रहकों का जो पैसा रखा है वो कभी भी डूब सकता है। लेकिन तब सोलापुर हेड ऑफिस ब्रांच के साथ इस बैंक की बाकी ब्रांचों ने भी ग्राहकों को समझा बुझाकर घर भेजने का काम किया था। कुछ ग्राहकों को पैसे भी दिए गए, लेकिन अब जब आरबीआई के आदेश आ गया है तो एक बार फिर इस बैंक के ब्रांच के बाहर लंबी कतार लगने की उम्मीद है। इस बैंक में जिन ग्रहकों के पैसे रखे हैं वो काफी दुखी हैं। 

99 फीसदी जमाकर्ताओं को मिलेंगे पैसे वापस
नियम के मुताबिक जिन ग्राहकों को बैंक में जमा अपना पैसा वपास चाहिए उन्हें इसके लिए अपनी जमा राशि के अनुसार बैंक से पैसे वापस लेने के लिए आवेदन करना होगा। रिजर्व बैंक के मुताबिक लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों को देखें तो इसके 99 फीसदी जमाकर्ताओं की जमा इस क्लेम दायरे के अंदर ही है। ऐसे में उन्हें अपनी पूरी रकम वापस मिल जाएगी। ये राशि करीब 45 करोड़ के आसपास बैठती है। तकरीबन 110 साल पुराने इस बैंक के ज्यादातर खाताधारक किसान हैं।

रुपी सहकारी बैंक का भी लाइसेंस भी कैंसिल
इससे पहले RBI ने हाल ही में पुणे स्थित रुपी सहकारी बैंक लिमिटेड का लाइसेंस भी कैंसिल किया था, जो अब बंद हो गया। आरबीआई ने इस बैंक का लाइसेंस भी वित्तीय हालात ठीक ना होने के कारण रद्द किया था। RBI के फैसले के तहत 22 सितंबर से इस 110 साल पुराने बैंक की सभी बैंकिंग सेवाएं बंद हो गई हैं। आरबीआई के हालिया बयान के अनुसार, सहकारी बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की आवश्यकताओं का पालन करने में ये दोनों बैंक विफल रहे है और इन बैंकों को चालू रखना इनके जमाकर्ताओं के हितों के लिए ठीक नही है।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने क्या कहा
RBI ने अपने बयान में कहा है, "बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।" अपने लाइसेंस को रद्द करने के परिणामस्वरूप, बैंक को 'बैंकिंग' का व्यवसाय करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जिसमें अन्य बातों के अलावा, जमा की स्वीकृति और जमा राशि का पुनर्भुगतान शामिल है। RBI ने एक बयान में कहा कि सहकारी बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99 प्रतिशत से अधिक जमाकर्ता जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। 13 सितंबर, 2022 तक DICGC ने कुल बीमित जमा राशि का 193.68 करोड़ रुपये पहले ही भुगतान कर दिया है।

बैंक पर कर्जदारों का 105 करोड़ रुपये बकाया
RBI ने बताया कि सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक प्रशासन नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। कुछ महीने पहले बैंक की आर्थिक तंगी के चलते जमाकर्ता अपनी जमा राशि निकालने के लिए परेशान थे, लेकिन बैंक प्रबंधन की ओर से आश्वासन दिया गया था कि जमाकर्ताओं का पैसा वापस कर दिया जाएगा। इस दौरान कुछ ग्राहकों के जमा पैसों को वापस भी किया गया था। 94 हजार जमाकर्ताओं की जमा राशि इस लक्ष्मी  बैंक में फंसी हुई है। लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक पर कर्जदारों का 105 करोड़ रुपये बकाया है। यह भी कहा गया कि इन बकाएदारों की संपत्ति को जल्द ही जब्त कर नीलाम किया जाएगा। 

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