मुंबई: महाराष्ट्र में महायुति की बड़ी जीत के पीछे लाडली बहन योजना का अहम रोल रहा है। वहीं अब इसमें बदलाव की मांग उठने लगी है। बदलाव की मांग करनेवाले कोई और नहीं बल्कि खुद बीजेपी के नेता हैं। बीजेपी नेता नितेश राणे का कहना है कि इस योजना को नियमों में कुछ संशोधन जरूरी है। उनका कहना है कि महायुति की योजनाओं का लाभ लेने वालों में मुस्लिम समुदाय के लोग अधिक हैं। इसलिए उन्होंने मांग की है कि जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें इस योजना का लाभ नहीं देना चाहिए।
जिनके दो से ज्यादा बच्चे उन्हें नहीं मिले लाभ
उन्होंने कहा कि लाडली बहन योजना का लाभ लेने वालों में मुसलमानों की संख्या ज्यादा है। राणे ने कहा-हमारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग है कि जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं.. केवल आदिवासी समुदाय को छोड़कर बाकियों को इस योजना से बाहर किया जाए ताकि जो लोग महायुती और हमारी सरकार को समर्थन देते हैं उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सके।
राणे ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक हैं और उन्हें पीटा जा रहा है। पाकिस्तान में भी हिन्दू अल्पसंख्यक है, उन्हें वहां विकल्प दिया जाता है कि या तो तू इस्लाम स्वीकार कर ले या तुम्हें मार देंगे। और हमारे देश में कितना लाड किया जाता है। इनके लिए योजना और स्कीम निकाली जाती है। सब सरकारी लाभ यही लोग लेते हैं।
मुख्यमंत्री से विनती करता हूं इसमें बदलाव कीजिए
राणे ने कहा- आपके सामने मैं मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना की लिस्ट दिखाता हूं। कलेक्टर को कहता हूं देखने के लिए कि इसमें कितने लोग ऐसे हैं जिनके दो से ज्यादा बच्चे हैं। उन्होंने फायदा लिया है उसका आंकड़ा देखिये..। मैं मुख्यमंत्री से विनती करने वाला हूं कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहन योजना में बदलाव कीजिए। आदिवासी समाज को छोड़कर जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं उन्हें सरकारी योजना से बाहर निकाला जाए। जिनके दो बच्चे हैं उन्हें ही यह फायदा मिले, ऐसा नियम बनाया जाए। नहीं तो ये हमारी योजना का फायदा लेंगे। सरकार की सभी योजना का लाभ लेंगे और वोट के दिन कहते हैं कि हमें इस्लाम चाहिए। बाकी समय में आपका इस्लाम कहां रहता है?