महाराष्ट्र पुलिस ने कोल्हापुर दंगे की जांच तेज़ कर दी है। पुलिस ने इस मामले में कुल 5 FIR दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक, विशालगड़ किले पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए छत्रपति संभाजी राजे ने सभी शिवप्रेमियों को 14 जुलाई को विशालगड़ के तलहट पर इकठ्ठा होने के लिए कहा था। संभाजीराजे के इस आव्हान के बाद बड़े पैमाने पर अलग-अलग हिंदू संगठन के कार्यकर्ता 14 जुलाई को विशालगड पर इकठ्ठा हुए। हिंदू संगठन के कार्यकर्ता विशालगड़ पर जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें ऊपर जाने की इजाजत नहीं दी। इसके बाद वहां तनाव की स्थिती पैदा हो गई।
भीड़ ने जमकर मचाया उत्पात
गुस्साई भीड़ ने विशालगड़ के तलहट पर जमकर उत्पाच मचाया। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए सौम्य लाठीचार्ज भी किया। पुलिस ने किसी तरह भीड़ को वहां से खदेड़ दिया। जांच में पता चला की आंदोलन करने आए आंदोलनकारियों की गाड़ियां विशालगड़ किले से करीब 5 किलोमीटर दूर पार्क थी। पुलिस ने आंदोलनकारियों को जब विशालगड़ से खदेड़ दिया। तब पैदल ही इन आंदोलनकारियों को पार्किंग तक पहुंचना था। विशालगड़ से निकलने के बाद करीब 3 किलोमीटर दूर गजापूर गांव में स्थित मुस्लिम बहुल इलाके में आंदोलनकारी पहुंचे। विरोध प्रदर्शन के दौरान असामाजिक तत्व इस गांव में हंगामा कर सकतें है यह अंदेशा पुलिस को पहले से ही था इसलिए उन्होने एक अधिकारी सहित कुल 18 पुलिस जवान को तैनात किया था।
दंगाईयों ने पुलिस पर भी किया हमला
गजापूर से गुजर रही भीड़ में कुछ असमाजिक तत्व भी शामिल थे। पुलिस को जिस बात का अंदेशा था वही हुआ। असामाजिक तत्वों ने मुस्लिम बहुल इलाके पर हमला कर दिया। कई घरों में तोड़फोड़ की, दो-चार पहिया गाड़ियों को तहस नहस कर दिया। साथ ही धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचा। जब मौके पर मौजूद पुलिस ने अपनी जान पर खेलकर दंगाईयों को रोकने की कोशिश की तो दंगाईयों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया। इस हमले में करीब 7 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
24 दंगाई गिरफ्तार- कोल्हापुर एसपी
कोल्हापुर एसपी महेंद्र पंडित ने इंडिया टीवी से कहा कि पुलिस ने इस दंगे में शामिल 24 दंगाइयों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है। अन्य दंगाइयों की धरपकड़ जारी है। इस दंगे में कोल्हापुर के बाहर के लोग भी हो सकतें है क्योंकि, विशालगड़ पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए हुए आंदोलन में कोल्हापूर के बाहर से लोग आए थे। दंगाइयों की पहचान करने के लिए पुलिस ने डंप डेटा कलेक्ट करना शुरू कर दिया है।
तोड़े गए घरों का रेस्टोरेशन शुरू
आगे कहा कि विशालगड़ और गजापूर गांव में फिलहाल स्थिती सामान्य है। कोल्हापूर पुलिस के 1 हजार जवानों को तैनात किया गया है। एसआरपीएफ की टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है। 21 जुलाई तक विशालगड़ परिसर में कर्फ्यू लगाया गया है। दंगा प्रभावित गांव में तोड़े गए घरों का रेस्टोरेशन शुरू हो गया है, जिस धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया गया था वहां भी प्रार्थना शुरू हो गई है। बता दें कि पुलिस जांच में अबतक 30 से ज्यादा हथैड़े और करीब 100 लाठियां बरामद किए जा चुके है। दंगे में शामिल कुछ आरोपी नकाब पहने हुए थे इसलिए पुलिस इस बात का भी जांच कर रही है कि क्या यह दंगा सुनियोजित था?
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