मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद महायुति की सरकार बन चुकी है। सीएम और दो डिप्टी सीएम ने शपथ भी ले ली है। इसके बाद अब सबकी नजरें इस महायुति सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार के मंत्रिमंडल का पहला विस्तार 11 या 12 दिसम्बर को हो सकता है। संभवत: 12 दिसंबर को ये फाइनल हो सकता है। बता दें कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद की कुल संख्या 43 है। इसमें बीजेपी को मुख्यमंत्री सहित 21, शिवसेना (शिंदे) को 12 और एनसीपी (अजित पवार) को 10 मंत्री पद मिल सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट विस्तार में करीबन 30 से 32 विधायकों को मंत्रि पद की शपथ दिलाकर मंत्रिपरिषद में जगह दी जा सकती है। इसमें बीजेपी से 15, शिवसेना (शिंदे) से 8 और एनसीपी (अजीत पवार) से 7-9 विधायकों को मंत्रिपद की शपथ दिलाई जा सकती है।
किस पार्टी के खाते में कौन सा विभाग
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के पास गृह, विधि एवं न्याय, गृहमंत्री निर्माण, ऊर्जा, राज शिष्टाचार, सिंचाई, ग्राम विकास, पर्यटन, राजस्व, कौशल विकास, सामान्य प्रशासन और आदिवासी विभाग रह सकते हैं। वहीं शिवसेना (शिंदे) को शहरी विकास, आबकारी, सामाजिक न्याय, पर्यावरण, माइनिंग, जल आपूर्ति, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा और PWD विभाग दिए जा सकते हैं। इसके अलावा एनसीपी (अजित पवार) को वित्त एवं नियोजन, खाद्य एवं आपूर्ति, FDA, कृषि, महिला एवं बाल विकास, खेल एवं युवा कल्याण और मदद एवं पुनर्वास विभाग मिल सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी अपने पास गृह मंत्रालय रखेगी। एकनाथ शिंदे को शहरी विकास विभाग दिया जा सकता है। वहीं अजित पवार वित्त विभाग मांग रहे हैं, लेकिन देवेंद्र फडणवीस गृह के साथ वित्त विभाग भी रखना चाहते हैं। इस विभाग पर अजित पवार से चर्चा होगी। इसके बदले बीजेपी अजित पवार को ऊर्जा या हाउसिंग विभाग देना चाहती है। इसके अलावा शहरी विकास, राजस्व, आदिवासी, कृषि, ग्राम विकास, मेडिकल एजुकेशन, महिला एवं बाल विकास विभाग पर अभी चर्चा जारी है। कुछ विभाग आपस में ऐक्सचेंज किए जा सकते हैं।
महायुति की बैठक में अंतिम फैसला होगा
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी शहरी विकास विभाग अपने पास रखना चाहती हैं और शिवसेना को राजस्व और पीडब्ल्यूडी विभाग देना चाहती हैं। हालांकि इस पर अभी आखिरी मुहर नहीं लगी है। इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष पद, विधान परिषद का सभापति पद ये बीजेपी अपने पास रखना चाहती है। विधानसभा का उपाध्यक्ष पद अजित पवार को और विधान परिषद का उपसभापति पद शिवसेना को देना चाहती है।
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