कांग्रेस से निष्कासित किए गए सजय निरुपम ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर खिचड़ी घोटाला मामले में बड़ा खुलासा किया है। संजय निरुपम ने कहा कि संजय राउत के भाई संदीप राउत के अकाउंट में अगस्त 2020 में 5 लाख रिश्वत आया था और.संजय राउत के दोस्त सुजीत पाटणकर के बैंक अकाउंट में कई बार पैसा आया था। 33 रुपये में 300 ग्राम खिचड़ी देने का कॉन्ट्रैक्ट सह्याद्री रिफ्रेशमेंट को मिला था। आगे इस कंपनी ने एक दूसरी कंपनी को 16 रुपये में 100 ग्राम खिचड़ी बांटने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था। राउत और अमोल कीर्तिकर ने गरीबो का 200 ग्राम खिचड़ी कोविड के दौरान चुराया।
पात्रा चॉल घोटाले में राउत ने अपनी पत्नी के नाम प्रॉपर्टी खरीदी.और खिचड़ी मामले में बेटी को शामिल किया। एक कंपनी ने सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट के नाम पर कॉन्ट्रैक्ट लिया गया था, इसे 37 लाख का कॉन्ट्रैक्ट मिला था और.एक करोड़ का रिश्वत राउत परिवार ने लिया था।.वैश्या बैंक के ज़रिए विदिता संजय राउत ने चेक के ज़रिए रिश्वत लिया था।
संजय निरुपम ने बताया-कैसे हुआ खिचड़ी घोटाला
उत्तर पश्चिम से खिचड़ी चोर अमोल कीर्तिकर को ईडी ने बुलाया है, उसे तो गिरफ्तार करना चाहिए।.खिचड़ी चोर यह अकेला अमोल कीर्तिकर नही है..जब मैंने इस मामले की जांच की तो पता चला और भी लोग शामिल है। मुझे पता चला कि शिवसेना यूबीटी के संजय राउत खिचड़ी घोटाले के सूत्रधार हैं। कोविड काल मे 6 करोड़ 37 लाख का खिचड़ी बांटने का कॉन्ट्रैक्ट बीएमसी ने सह्याद्री रिफ्रेशमेंट कंपनी को दिया था, जिसका खुलासा हो गया है।
तत्कालीन सीएम रोज ऑनलाइन आकर दिखाते थे कि गरीब मज़दूरों के लिए दुख जता रहे हैं और इन लोगों ने मिलकर उन गरीबो की खिचड़ी चोरी की। अबमेरी ईडी से मांग है कि संजय राउत खिचड़ी चोरी के मामले के किंगपिन हैं तो.उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जाए और राउत के खिकफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इस खिचड़ी चोरी मामले का दायरा ED बढ़ाए।