Highlights
- रामनवमी वाले दिन जेएनयू में दो पक्षों में हुई थी हिंसक झड़प
- कथित तौर पर नॉनवेज बनने से रोक रहे थे कुछ स्टूडेंट्स
- रामदास आठवले ने कहा कि अगर कोई नॉनवेज नहीं खाने का स्टैंड लेता है तो यह गलत नहीं है।
मुंबई: दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) में भड़की हिंसा देशभर में चर्चा में है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, 'जेएनयू में जो कुछ भी हुआ वह सही नहीं था और नहीं होना चाहिए था। रामनवमी हिंदुओं के लिए एक पवित्र त्योहार है और अगर कोई नॉनवेज नहीं खाने का स्टैंड लेता है तो यह गलत नहीं है। सभी विचारधाराओं को स्वीकार करना चाहिए। दोषियों पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए।'
गौरतलब है कि जेएनयू में रविवार रात दो पक्षों के बीच हंगामा हुआ था, जिसके बाद वसंतकुंज नॉर्थ थाना पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायतों पर केस दर्ज कर लिया था। प्राथमिक जांच में पुलिस वायरल वीडियो में दिख रहे छात्रों के फोटो लेकर जेएनयू प्रशासन से उनकी पहचान करने की कोशिश कर रही है।
इस हिंसा के एक पक्ष में ABVP थी और दूसरी तरफ लेफ्ट। ABVP के मुताबिक, कावेरी हॉस्टल के छात्रों ने रामनवमी पर पूजा का आयोजन किया था लेकिन लेफ्ट के लोगों ने इसका विरोध किया और वार्डन के नाम से फर्जी नोटिस लगाया कि यहां पूजा नहीं हो सकती। इसके बाद वह लोग सुबह से ही माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने लगे। इसके बाद 3 बजे की बजाय 5 बजे से पूजा शुरू हो सकी। लेफ्ट को ये बात नागवार गुजरी और इसके बाद झड़प शुरू हुई।
वहीं लेफ्ट छात्रों का आरोप है कि ABVP सदस्यों ने कावेरी हॉस्टल की मेस कमेटी को कहा था कि रामनवमी की वजह से रविवार को मेस के रात के खाने में नॉन-वेज ना बनाएं। जब मेस ने ऐसा करने से मना किया तो एबीवीपी के स्टूडेंट्स ने हमला कर दिया।