![Jitendra Awhad had given a statement on Lord Ram being a non-vegetarian more cases have been registe](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
‘भगवान राम के मांसाहारी होने’ की टिप्पणी कर कथित रूप से धार्मिक भावनाएं आहत करने को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मुंबई और पालघर जिलों में तीन प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस बीच, महाराष्ट्र के ठाणे जिले के कल्याण में राज्य स्तरीय ‘हरिनाम सप्ताह’ में हिस्सा ले रहे वरकरियों ने आव्हाड की इस टिप्पणी को लेकर उनकी निंदा की। मुंबई में, पुलिस ने आव्हाड के खिलाफ दो मामले दर्ज किये जबकि ठाणे जिले में नवघर थाने में एक अन्य मामला दर्ज किया गया। उससे पहले पुणे सिटी पुलिस ने आव्हाड के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी।
आव्हाड के खिलाफ तीन अन्य केस दर्ज
राकांपा के शरद पवार गुट का हिस्सा आव्हाड ठाणे जिले में मुंब्रा-कलवा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। महाराष्ट्र के मंत्री रह चुके आव्हाड को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पदाधिकारी गौतम रावरिया की शिकायत पर शुक्रवार रात (मुंबई में) एमआईडीसी थाने में आव्हाड के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्होंने एक समाचार चैनल पर आव्हाड को भगवान राम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए सुना।’’ उन्होंने बताया कि आव्हाड के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (किसी भी धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावनाएं आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या था जितेंद्र आव्हाड का बयान
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि भाजपा विधायक राम कदम की शिकायत पर शनिवार को यहां घाटकोपर थाने में इन्हीं आरोपों को लेकर एक अन्य मामला दर्ज किया गया। उधर, ठाणे में नवघर थाने में एक स्थानीय व्यापारी की शिकायत पर एक प्राथमिकी दर्ज की गयी। आव्हाड ने तीन जनवरी को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि भगवान राम मांसाहारी थे। शिरडी में बुधवार को राकांपा के एक कार्यक्रम में आव्हाड ने कहा था, “वह (भगवान राम) शिकार करके खाया करते थे। वह हमारे, बहुजनों के हैं। आप (भाजपा) हमें शाकाहारी बना रहे हैं, (लेकिन) हम राम का अनुसरण कर रहे हैं और ‘मटन’ खा रहे हैं।” ‘बहुजन’ शब्द का उपयोग महाराष्ट्र में पारंपरिक तौर पर हिंदू समाज के गैर-ब्राह्मण वर्गों के लिए किया जाता है। विधायक आव्हाड ने बाद में कहा कि यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वह खेद व्यक्त करते हैं। लेकिन उन्होंने अपना बयान वापस नहीं लिया।
(इनपुट-भाषा)