राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल ने कर्नाटक से लेकर बागेश्वर धाम, ईडी नोटिस और पार्टी के इंटर्नल चुनाव पर अपनी राय रखी। पाटिला ने कहा कि कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर हम ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं। कांग्रेस का ये अंदरूनी मामला है, कौन मुख्यमंत्री होगा, ये कांग्रेस का फैसला है। सिद्धारमैया और डी शिवकुमार के आपसी रिश्ते अच्छे हैं। हमे ऐसा लगता है कि कोई तकलीफ नहीं होगी, जल्द ही निणर्य होगा।
महाराष्ट्र चुनाव और महा विकास अघाड़ी (MVA) को लेकर जयंत पाटिल ने कहा, "महाराष्ट्र में कर्नाटक की तरह जमीन उस वक्त ही तयार हो चुकी थी, जब एकनाथ शिंदे ने 40 विधायक को साथ लेकर सरकार बनाई। लोग तो चाह रहे हैं कि चुनाव हो, मुझे पूरा यकीन है कि तीनों पार्टी के नेता साथ आ जाए, तो आगामी विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा विधायक महा विकास आघाड़ी (MVA) के चुनकर आएंगे।"
"जिला और तालुका स्तर पर नए लोगों को मौका"
एनसीपी के इंटर्नल चुनाव पर पर उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी के संगठन चुनाव होंगे। हमारा प्रयास है कि जिला स्तर और तालुका स्तर पर जो कई साल से अध्यक्ष हैं, उन्हें बदलकर नए लोगों को मौका दिया जाएगा। कुछ लोग 6 और 9 साल से पदों पर बने हुए हैं, उन्हें हटाया जाएगा। एक महीने में ये प्रक्रिया पूरी होगी।" एनसीपी के 'वन बूथ 20 यूथ' को लेकर कहा, "2019 का हमारा अनुभव है कि जहां बूथ कमिटी अच्छी थी वहां हमें जीत मिली। जहां बूथ कमिटी नहीं थी, वहां हमारे उम्मीदवार चहरे थे। इसका असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है, इसलिए जल्द से जल्द बूथ कमिटी बनाने का हमारा प्रयास है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर क्या बोले जयंत पाटिल?
बिहार में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यक्रम को लेकर कहा, "सनसनी पैदा करने के लिए और ध्यान आकर्षित करने की उनकी मानसिकता है। लोग धार्मिक हैं। उन्हें लगता है कि ये धार्मिक बात कर रहे हैं, इसलिए जाते हैं, लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि वो तो कुछ और ही बात कर रहे हैं, तो लोग वापस चले जाते हैं। महाराष्ट्र में नहीं चली, इसलिए बिहार में कुछ चलता है क्या, ये देखने के लिए वो गए होंगे, पर मुझे पता नहीं कि वो वहां क्यों गए हैं?"
ईडी नोटिस पर बोले पाटिल- सहयोग करूंगा
ईडी नोटिस को लेकर पाटिल ने कहा, "मुझ पर कोई दबाव नहीं है। उस नोटिस में ऐसा कुछ लिखा नहीं है कि क्यों बुलाया है। उस केस का सिर्फ जिक्र है, नोटिस में केस का सिर्फ नंबर है। इंटरनेट पर चेक करने के बाद पता चलता है कि कोई IL&FS का कोई केस है, लेकिन मेरा कभी IL&FS से लेना-देना नहीं रहा। मैंने कोई लोन नहीं लिया। मैं गारंटर भी किसी के लिए नहीं रहा। आज मैं एक छोटा सा खत ईडी को लिखने वाला हूं कि पूरा मामला क्या है? ईडी का नोटिस जब दूसरे लोगों को मिल रहा था, तब मैं बयान दे रहा था। अब मुझे ही नोटिस मिला है, तो मैं जाकर देखूंगा कि क्या मामला है, मैं ईडी को पूरा सहयोग करूंगा।"