मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण का खतरा अब तक खत्म नहीं हुआ है। राज्य में कोरोना के मामले थोड़ा कम जरूर हुए है लेकिन तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार कोई जोखिम लेना नहीं चाहती हैं। इसलिए सरकार ने इस वर्ष भी दही हांडी मनाने पर रोक लगा दी हैं। सरकार के इस रोक के बावजूद राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) दही हांडी त्योहार मनाने पर अड़ गई है। मुंबई से सटे ठाणे शहर के भगवती मैदान में एमएनएस ने दही हांडी कार्यक्रम का आयोजन करने की तैयारियां शुरू कर दी है। इस मैदान को साफ किया जा रहा हैं, यहां बड़ा स्टेज बनाया जाएगा और पूरे मैदान को फूलों से सजाया जाएगा।
भगवती मैदान में चल रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए एमएनएस के बड़े नेता यहां पहुंच रहे है। सिर्फ नेता ही नहीं बल्कि मुंबई से गोविंदा मंडल भी तैयारियों का जायजा लेने के लिए यहां आ रहें है। एमएनएस के मुताबिक, राज ठाकरे ने आदेश दिया हैं कि हिंदू त्योहारों पर पाबंदी बर्दाश्त मत करो और कोरोना नियमों का पालन करते हुए धूमधाम से दही हांडी का आयोजन करों।
एमएनएस का सवाल- क्या हिंदू त्योहारों के दौरान ही कोरोना फैलेगा?
दही हांडी का आयोजन करने वाले एमएनएस के ठाणे शहर अध्यक्ष रविंद्र मोरे ने इंडिया टीवी से कहा कि, ठाकरे सरकार ने महाराष्ट्र में सब कुछ शुरू करने का आदेश दिया हैं। बस, लोकल ट्रेन सहित सभी जगहों पर भीड़ हो रही हैं। फिर भी आप को सिर्फ हिंदू त्योहार मनाने से ही संक्रमण फैलने का खतरा क्यों नजर आता हैं। हम भी कोरोना की गंभीरता को समझते हैं लेकिन इसका अर्थ यह नहीं हैं कि हम अपनी हिंदू संस्कृति के इतने बड़े पर्व को ना मनाए। एमएनएस ने दावा किया हैं कि दही हांडी के दौरान संक्रमण न फैले इसलिए उन्होंने कई फैसले लिए है। मसलन, जिन गोविंदाओं ने वैक्सीन के दोनो डोज लिए हैं उन्हें ही मटकी फोड़ने की इजाजत दी जाएगी। मटकी फोड़ने के लिए आने से पहले गोविंदा मंडलों को प्री रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिस गोविंदा मंडल को जो टाइम स्लॉट दिया जाएगा उसी स्लॉट के दौरान उन गोविंदाओं को मैदान में आने दिया जाएगा। भगवती मैदान पर सभी गोविंदाओं को मास्क दिया जाएगा, सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की जाएगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की पूरी कोशिश की जाएगी।
पुलिस ने जारी किया नोटिस
दही हांडी का आयोजन करने वाले एमएनएस के नेता रविंद्र मोरे को ठाणे के नौपाडा पुलिस ने नोटिस जारी कर चेतावनी दी है कि अगर दही हांडी का आयोजन किया गया तो उनपर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने अपने नोटिस में कहा है कि, महाराष्ट्र में इस वर्ष दही हांडी मनाने पर रोक लगाई गई है। भीड़ ना हो इसलिए सरकार ने किसी भी तरह के राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगाई हैं।
ठाकरे सरकार का कहना है कि दही हांडी के दौरान हजारों की भीड़ हो सकती हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना लगभग नामुमकिन होगा और मानव पिरामिड बनाते वक्त गोविंदा एक दूसरे पर चढ़ते हैं ऐसे में अगर गोविंदाओं की भीड़ में अगर एक व्यक्ति भी कोरोना संक्रमित रहा तो वह न जाने कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के सभी बडे दही हांडी कार्यक्रम आयोजकों और गोविंदा मंडलों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा था कि, जनता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उनके प्राण बचाने के लिए इस वर्ष हम सभी मिलकर त्योहार, उत्सवों को कुछ समय के लिए बगल में रखकर मानवता दिखाते हैं और कोरोना को समाप्त करते हैं।
मुख्यमंत्री की इस अपील के बाद शिवसेना समर्थक गोविंदा मंडलों और दही हांडी आयोजकों ने अपने कार्यक्रमों को रद्द कर दिया लेकिन बीजेपी और एमएनएस ने सरकार के इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया। आज 30 अगस्त को जन्माष्टमी हैं और एक दिन बाद यानी 31 अगस्त को गोविंदाओं की टोली माखन चुराने के लिए मटकी फोड़ती है।
एमएनएस ने दावा किया है कि, उनके पास अब तक 40 गोविंदा मंडल रजिस्ट्रेशन कर चुके है। मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई से गोविंदा पथक दही हांडी फोड़ने के लिए भगवती मैदान आने वाले हैं इनमें कुछ महिला गोविंदा पथक भी हैं। पुलिस द्वारा जारी नोटिस पर एमएनएस नेता रविंद्र मोरे का कहना है कि, पुलिस पर दबाव हैं वह अपना काम कर रही हैं। पुलिस अपना काम करें हम अपना काम करेंगे। हर हाल में दही हांडी का आयोजन किया जाएगा फिर चाहे जो हो।