Wednesday, November 20, 2024
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"तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ", 'श्री सम्मेद शिखर तीर्थ' को टूर‍िस्‍ट प्‍लेस बनाने के ख‍िलाफ मुंबई में जैन समाज का बड़ा आंदोलन

सम्मेद शिखर को लेकर जैन समाज पिछले कई दिनों से सड़कों पर है। पिछले कई दिनों से देश के कई शहरों में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। कल सूरत में जैन समाज ने विशाल रैली निकाली थी।

Reported By: Sachin Chaudhary
Updated on: January 04, 2023 12:57 IST
जैन समाज का प्रदर्शन- India TV Hindi
Image Source : PTI जैन समाज का प्रदर्शन

झारखंड के 'श्री सम्मेद शिखर तीर्थ' को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने के खिलाफ मुंबई में जैन समाज ने संग्राम छेड़ दिया है। इस वक्त मुंबई में जैन समाज का बड़ा मार्च जारी है। सीएसटी के मेट्रो जंक्शन से निकला ये मार्च आजाद मैदान की तरफ बढ़ रहा है। इसमें जैन समुदाय के हजारों लोग शामिल हैं। लोगों के हाथ में बैनर पोस्टर हैं। साथ ही वे नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। जैन धर्म के कई बड़े धर्म गुरू आजाद मैदान की तरफ मार्च कर रहे हैं, तो बीजेपी के कई नेता भी इसमें शामिल हैं। मार्च के बाद आजाद मैदान पर जैन समुदाय की सभा होगी।

यह नारा दे रहे जैन समाज के लोग-

देश बचाओ धर्म बचाओ

जैन समाज का यही है नारा 
सम्मेद हमारा सम्मेद हमारा
तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ 
जैनों का ये नारा है
सम्मेद शिखर हमारा है

मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन

प्रदर्शन में शामिल लोगों की मांग है कि सम्मेद शिखर पर झारखंड सरकार अपना फैसला बदले। मांग पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। सम्मेद शिखर को लेकर जैन समाज पिछले कई दिनों से सड़कों पर है। पिछले कई दिनों से देश के कई शहरों में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। कल सूरत में जैन समाज ने विशाल रैली निकाली थी। आज मुंबई की सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा है। इस मार्च में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शामिल हैं। बीजेपी नेता शायना एनसी भी इस मार्च में शामिल हुई हैं। इस मार्च में जैन समाज के बड़े धर्मगुरु नयपद्मसागर महाराज भी शामिल हैं। नयपद्मसागर महाराज ने सम्मेद शिखर पर झारखंड सरकार के फैसले को भारत की गरिमा को खत्म करने की साजिश करार दिया। 

जैन समुदाय की दोनों मांगें क्या हैं?

जैन समुदाय की सबसे बड़ी मांग ये है कि उसके सबसे बड़े धार्मिक स्थल सम्मेद शिखर पर सरकार अपना फैसला बदले। सम्मेद शिखर झारखंड के गिरिडीह की पहाड़ियों पर है। यहां पर जैन धर्म के 24 में 20 तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली है। हाल में झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया है। जैन समाज का कहना है कि इससे सम्मेद शिखर की पवित्रता नष्ट हो जाएगी। लोग यहां पर मदिरा मांस खाएंगे और शराब पिएंगे। जैन समुदाय की दूसरी मांग गुजरात के भावनगर में शत्रुजंय तीर्थ से जुड़ी है। शत्रुंजय तीर्थ में भगवान आदिनाथ की चरण पादुकाएं खंडित की गई हैं। जैन समाज के लोग इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। 

जैन समाज की मांग के बाद कल गुजरात सरकार ने बड़ा फैसला लिया। गुजरात सरकार ने एक टास्क फोर्स बना दी है, जो जैन समाज की मांग पर विचार करेगा। साथ ही शत्रुंजय की पहाड़ियों पर पुलिस चौकी भी बनाने का फैसला किया गया है, जो तराई में अवैध खनन पर नजर रखेगा। वहीं, झारखंड के सीएम  हेमंत सोरेन का कहना है कि  उनकी सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है। सरकार देखेगी कि इस मुद्दे को कैसे सुलझाया जाए।

'आंदोलन को सियासी नहीं होने दिया जाएगा'

संजय जैन, जिन्होंने जैन आंदोलन को देश भर में शुरू किया, ने इंडिया टीवी से कहा कि कल गुजरात सरकार ने पालीताणा में जो टास्क फोर्स बनाने का फैसला किया उसका वे स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा, 'केंद्र की मोदी सरकार से उम्मीद है कि हल निकालेंगे, हम सरकार के खिलाफ नहीं। मगर झारखंड सरकार कोई पहल नहीं कर रही इसलिए उनके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। इस आंदोलन को सियासी नहीं होने दिया जाएगा। किसी को राजनीतिक फायदा नहीं लेने दिया जाएगा। ये आंदोलन सिर्फ धार्मिक  मांग को लेकर है।'

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