Highlights
- शिंदे की रैली में ठाकरे परिवार के 3 अहम सदस्य भी पहुंचे थे।
- जयदेव ठाकरे ने मंच से सीएम शिंदे की जमकर तारीफ की।
- शिंदे ने रैली में उद्धव ठाकरे पर कई मुद्दों पर निशाना साधा।
Jaidev Thackeray in Eknath Shinde Rally: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुंबई के बीकेसी ग्राउंड में बुधवार को हुई दशहरा रैली में ठाकरे परिवार के कुछ सदस्यों को देखकर लोग चौंक गए। सीएम शिंदे की इस रैली में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे जयदेव ठाकरे, उनकी पूर्व पत्नी स्मिता ठाकरे और दिवंगत बिंदु माधव ठाकरे के बेटे निहार ठाकरे मौजूद थे। इस मौके पर जयदेव ठाकरे ने सीएम शिंदे की शान में खूब कसीदे पढ़े और कहा कि उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए हैं जिनकी वजह से मैं उनका मुरीद हो गया हूं।
‘किसान की तरह मेहनती हैं शिंदे’
जयदेव ठाकरे ने अपने संक्षिप्त संबोधन में एकनाथ शिंदे को किसी किसान की तरह मेहनती बताया। उन्होंने कहा कि शिंदे किसी किसान की तरह मेहनती हैं। उन्होंने कहा कि दोबारा चुनाव करवाकर शिंदे को दोबारा मुख्यमंत्री बनाइए। जयदेव ने कहा कि मुझसे पूछा जा रहा है कि क्या मैंने शिंदे गुट जॉइन कर लिया, इस पर मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि ठाकरे कोई गुट नहीं हो सकते। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यक्रम में जयदेव ठाकरे की मौजूदगी सूबे के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।
‘सब गलत हैं, सिर्फ आप ठीक हैं’
रैली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्मिता ठाकरे और निहार ठाकरे का स्वागत करते हुए मंच पर बैठाया। सीएम ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यहां स्मिता ठाकरे हैं, निहार ठाकरे हैं। सब गलत हैं? सिर्फ आप ठीक हैं? ’ शिंदे ने आगे कहा, ‘शिवसेना क्या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी है कि आप मालिक और हम नौकर? किसी ने अच्छा घर लिया, किसी ने अच्छी कार ली, अच्छे कपड़े पहन लिए तो आपको जलन होती है। आपने मुझे कटप्पा कहा, कटप्पा भी स्वाभिमानी था, आपके जैसा दोगला नहीं था।’
'आनंद दिघे की मौत के बाद प्रॉपर्टी के बारे में पूछा'
एकनाथ शिंदे ने उद्धव पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि जब आनंद दिघे की मौत हुई थी तो उद्धव ने पहली मुलाकात में संगठन के बारे में नहीं बल्कि उनकी प्रॉपर्टी के बारे में पूछा था। शिंदे ने कहा, 'आप बालासाहेब की प्रॉपर्टी के वारिस, हम उनके विचारों के वारिस। आनंद दिघे के मौत के बाद मैं उद्धव से पहली बार मिला तो उन्होंने मुझे संगठन नहीं बल्कि आनंद दिघे की प्रॉपर्टी के बारे में पूछा था। यह सुनकर मुझे गहरा सदमा लगा था।' बता दें कि आनंद दिखे एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गुरू थे।