महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल को शनिवार को काले झंडे दिखाए गए और उन पर स्याही से हमला किया गया। भारतीय जनता पार्टी के एक स्थानीय नेता से मिलने गए पाटिल अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ बाहर निकले ही थे कि एक अज्ञात व्यक्ति ने अचानक उनके चेहरे पर स्याही फेंक दी। 'स्याही अटैक' से स्तब्ध पाटिल पीछे की ओर लड़खड़ाए और गिरते-गिरते बचे, हमलावर मौके से भाग गया, पुलिसकर्मियों ने हमलावर का पीछा किया और उसे पकड़ लिया। यह घटना पाटिल के औरंगाबाद में बी.आर. अम्बेडकर और महात्मा ज्योतिराव फुले पर दिए गए बयान के एक दिन बाद सामने आई।
चंद्रकांत पाटिल के किस बयान पर छिड़ा विवाद
पाटिल ने औरंगाबाद में अपने बयान के साथ नया विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें कहा कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर और महात्मा ज्योतिराव फुले किसी भी सरकारी समर्थन पर निर्भर नहीं थे, बल्कि स्कूल शुरू करने के लिए पैसे की भीख मांगते थे। बड़े पैमाने पर विवाद हुआ, उन्होंने निहित किया कि 'क्राउड फंडिंग' और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी जैसी आधुनिक युग की अवधारणाएं थीं। उन्होंने शनिवार को कहा, अगर मेरे बयानों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।
महा विकास अघाड़ी ने पाटिल पर निशाना साधा
महा विकास अघाड़ी सहयोगी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना (यूबीटी), और अन्य नेताओं ने पाटिल के बयानों को आंबेडकर और फुले जैसे आइकन पर एक कलंक के रूप में करार दिया। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ, और कई पिछड़े वर्गों के संगठनों ने रविवार को पुणे में पाटिल के कार्यक्रमों के दौरान उनके खिलाफ विरोध किया और उनकी गाड़ियों को रोकने का भी प्रयास किया। कड़ी सुरक्षा के बावजूद, एक व्यक्ति करीब आ गया और पाटिल पर स्याही फेंक दी।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने की हमले की निंदा
हमले के बाद पाटिल ने चेतावनी दी कि गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और कहा कि हमले की पूरी जांच की जाएगी। यह प्रण करते हुए कि वह इस तरह के हमलों से नहीं डरेंगे, उन्होंने विपक्षी एमवीए नेताओं से कम से कम उन पर स्याही हमले की निंदा करने की अपील की। डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और एमएलसी प्रवीण दारेकर समेत अन्य भाजपा नेताओं ने पाटिल पर 'स्याही हमले' की निंदा की।