नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंडिया टीवी से एक एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों का मतलब है कि देश के सभी लोगों के बाहरी खतरों का मुकाबला करने के लिए सभी को एक होना पड़ेगा। उन्होंने साथ ही कहा कि वह 1975 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आवाह्न पर राजनीति में आए थे और एक कन्विक्शन ओरिएंटेड पॉलिटिशियन हैं। उन्होंने कहा कि मैं जाति, पंथ, धर्म व भाषा के आधार पर काम नहीं कर सकता और जो मुझे वोट देगा उसका भी काम करूंगा, जो नहीं देगा उसका भी काम करूंगा।
‘मुझे सियासी परिणाम की चिंता नहीं है’
लगातार चुनाव जीतने के सवाल पर गडकरी ने कहा, ‘मैं एक कन्विक्शन ओरिएंटेड पॉलिटिशियन हूं। जयप्रकाश जी के आवाहन पर 1975 में, जब मैं 11वीं में था, मैंने इमरजेंसी के खिलाफ काम किया। मैं मानता हूं की जाति, पंथ धर्म भाषा और लिंग के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करना चाहिए। इसके आधार पर न कोई बड़ा होता है और न ही कोई छोटा होता है। मुझे सियासी परिणाम की चिंता नहीं है। मैंने नागपुर की जनता को भी कहा है कि मैं नागपुर का हूं और आप मेरा परिवार हैं। मैं जाति, पंथ, धर्म व भाषा के आधार पर काम नहीं करूंगा। जो मुझे वोट देगा उसका भी काम करूंगा और जो नहीं देगा उसका भी काम करूंगा।’
‘कांग्रेस ने एक परसेप्शन तैयार किया है’
महाराष्ट्र की सियासत में तैर रहे ‘वोट जिहाद’ और ‘धर्म युद्ध’ जैसे शब्दों पर बोलते हुए गडकरी ने देश के कई इलाकों में लोगों का जबरदस्ती या फिर पैसे के धर्म पर धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसे मुद्दों पर बोलते हुए इन्हें गलत बताया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने एक परसेप्शन तैयार कर दिया है कि बीजेपी धर्मनिरपेक्षता और मुसलमानों के खिलाफ है जबकि ऐसा नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी कामयाबी इस चीज को मानते हैं कि वह बड़ी संख्या में साइकिल रिक्शॉ और हाथ रिक्शॉ को ई-रिक्शॉ से रिप्लेस करने में सफल रहे और इसका सबसे बड़ा फायदा दलित और मुस्लिम वर्ग को हुआ। वहीं, ‘वोट जिहाद’ और ‘धर्म युद्ध’ पर गडकरी ने कहा कि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस का भाषण नहीं सुना है।
गडकरी ने बताया ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का अर्थ
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसे नारों पर बोलते हुए गडकरी ने कहा, ‘चुनाव में अलग-अलग तरह की टीका-टिप्पणी होती है।‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का मतलब है कि देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। बांग्लादेश में जो घटनाएं हुई है उसके कारण देश में बाहरी नागरिकों के आने की संभावना बढ़ रही है। बांग्लादेश के लोग पहले ही बहुत जगह पर पहुंच गए हैं। कश्मीर में आतंकवाद फिर ऊपर में आ रहा है। ऐसे में भारतीय एक रहेंगे तो हमारी सीमाएं सुरक्षित रहेगी इस भाव से यह बातें कही गई है।’
देखिए, इंडिया टीवी पर नितिन गडकरी का पूरा इंटरव्यू