India TV Chunav Manch: इंडिया टीवी के कॉन्क्लेव ‘चुनाव मंच’ में बिजनेसमैन जफर सरेशवाला और अभिनेत्री सना खान और डॉ. जुबेर गोपलानी ने खुलकर बात की। बातचीत के दौरान तीनों ने कई अहम किस्से साझा किए। सना खान से जब पूछा गया कि हिंदू-मुसलमान को लेकर क्या आपको कोई दिक्कत होती है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं भी वह जाती हैं तो उन्हें बहुत अच्छा लगता है क्योंकि सभी लोग यहां आना चाहते हैं। हालांकि, जब कभी कभार उन्हें देश के बारे में खराब सुनने को मिलता है तो बुरा लगता है।
सना खान ने कहा कि भारत में इतनी सारी अच्छी चीजें हैं। अलग-अलग भाषा और धर्म लोग रहते हैं। हमारे युवा इतने पढ़े-लिखे हैं। हमारी संस्कृति प्यार करने की है। ऐसे में हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम इस हिंसा और नफरत को बढ़ाने की बजाय उसे खत्म करने की कोशिश करें। सना ने कहा कि कई बार उन्हें समझ नहीं आता कि ये लोग लड़ क्यों रहे हैं। इनकी लड़ाई के लिए केरोसिन और तीली कहां से आ रही है।
जफर सरेशवाला ने सुनाई गुजरात रथ यात्रा की कहानी
जफर सरेशवाला से जब पूछा गया कि बहराइच में दंगे हुए और ऐसे दंगे हर जगह हो रहे हैं। इन्हें कैसे खत्म कर सकते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह गुजरात के रहने वाले हैं। वह दंगे के बीच बड़े हुए हैं। हर दो साल में दंगे होते थे। दंगे हमेशा रथयात्रा से शुरू होते थे। वहां मंदिर के पास मुस्लिम रहते थे। ऐसे में उन्होंने कई लोगों के साथ मिलकर एक पहल शुरू की। जब रथयात्रा शुरू हुई तो उन्होंने लोगों को शरबत पिलाकर इसकी शुरुआत की। इसके बाद पूरे रास्ते में लोगों के लिए शरबत का इंतजाम किया। इसका असर यह हुआ कि रथयात्रा के शीर्ष आयोजकों ने यह फैसला किया कि नमाज के समय रेडियो बंद कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों धर्मों के बीच भाईचारा बनाना बेहद आसान है। हालांकि, इसके लिए किसी एक को पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से कुछ लोग ऐसे हैं, जो आग लगाना चाहते हैं, लेकिन हमें उनकी नफरत को आगे बढ़ाने की बजाय खत्म करना चाहिए।
जुबेर गोपलानी ने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ी समस्या
जुबेर गोपलानी ने कहा कि देश में शिक्षा की कमी सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि लोगों का ध्यान इस पर नहीं होना चाहिए कि उनके मस्जिद के सामने कौन गाना बजा रहा है। उनका ध्यान इस पर होना चाहिए कि वह यूपीएससी में कैसे टॉप कर सकते हैं। उनका ध्यान पढ़ाई पर होना चाहिए। पीएम मोदी ने एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कंप्यूटर की बात की है। हमें उनकी इस बात को हकीकत में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम में पड़ोसियों को भूखा न सोने देने की बात कही गई है। इसमें कोई धर्म देखकर मदद नहीं करता है। आपके घर के 40 घर आगे और पीछे मदद करने की बात कही गई है।
सना ने सुनाई कोविड की कहानी
सना खान ने इस दौरान बताया कि कोरोनाकाल में वह खाना बनाकर सभी को बांट रही थीं। उनका हेल्पर टोपी पहनकर खाना बांटने जाता था। ऐसे में एक व्यक्ति उसके पास आया और पूछा कि क्या यह खाना सिर्फ मुस्लिमों के लिए है। इस पर उसने कहा कि यह सभी के लिए है। सना के कहा कि जब उन्हें यह पता चला तो उन्हें बहुत बुरा लगा क्योंकि ऐसा समय जब लोग भूखे मर रहे हैं, तब भी वह खाना लेने से पहले ऐसा सोच रहे हैं। इससे पता चलता है कि समाज में लोगों को किस तरह बांट दिया गया है।
जफर सरेशवाला ने अपनी बेटी की कहानी सुनाई
जफर सरेशवाला ने अपनी बेटी की कहानी सुनाते हुए बताया कि उनकी बेटी नौवीं कक्षा में थी। इंग्लैंड में वह पढ़ती थी और हिजाब पहनती थी। वह स्कर्ट के अंदर पैंट पहनती थी। हालांकि, जब वह भारत आई तो प्रिसिपल ने उसके हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया। इसके बाद उन्होंने प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने ट्रस्टी से बात करने की बात कही। ट्रस्टी ने कहा कि आप उन पर दबाव बना रहे हैं। उनका शोषण कर रहे हैं। इसके जवाब में जफर ने कहा कि जिस लड़की को एक ड्रेस में खड़ा कर दिया गया वह शोषण नहीं है, लेकिन जिसे पूरे कपड़े पहनने की आजादी मिली वह कैसे शोषण है। इसके बाद उनकी लड़की को हिजाब पहनने की अनुमति मिल गई। इस दौरान जुबेर गोपलानी ने बताया कि जो लोग हिंसा की बात करते हैं, उन्हीं के सभी बिजनेस पार्टनर मुस्लिम होते हैं। ये लोग देश को धर्म के नाम पर बांटकर अपना धंधा चलाते हैं और यह बहुत दिन नहीं चलने वाला।