मुंबई में कल गुरुवार को इंडिया गठबंधन की पहली बैठक हुई। बैठक में शामिल होने के लिए तमाम वीआईपी पहुंच रहे थे, तभी मुंबई पुलिस कंट्रोल को एक धमकी भरा फोन आया। कॉलर ने बताया कि मुंबई के ताज होटल को बम से उड़ाने वाले हैं। दरअसल, मुंबई की अधिकतम पुलिस वीआईपी की सुरक्षा में लगी थी, उसी समय ऐसा कॉल आने से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। एक अधिकारी ने बताया कि कॉलर ने कहा कि दो पाकिस्तानी भारत में समुद्री मार्ग से आ रहे हैं और वो शहर के ऐतिहासित ताज होटल को बम से उड़ाने वाले हैं।
गोंडा जिले में पंजीकृत नंबर, हिरासत में आरोपी
इसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच की, तो पता चला कि जिस नंबर से धमकी भरा फोन आया था, वो नंबर उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रजिस्टर है। इसके बाद उसकी लोकेशन मिली कि कॉलर मुंबई के सांताक्रुज इलाके में है और फिर क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक दया नायक और उनकी टीम ने उसे हिरासत में ले लिया। कॉलर का नाम जगदंबा प्रसाद सिंह है, जिसकी उम्र 36 साल है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 505(1)(B) के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आगे की जांच कर रही है कि कॉल करने के पीछे की वजह क्या रही होगी।
2008 में ताज होटल पर हुआ था आतंकी हमला
बता दें कि मुंबई के कोलाबा इलाके में स्थित ताज होटल शहर में हुए 2008 के आतंकवादी हमलों का एक प्रमुख टारगेट रहा था। होटल को पहले भी इसी तरह की धमकी भरे कॉल मिल चुके हैं। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते से मुंबई में प्रवेश किया था और कई सार्वजनिक स्थानों को अपना निशाना बनाया। आतंकियों ने ताज पैलेस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, सीएसएमटी रेलवे स्टेशन, कामा हॉस्पिटल, नरीमन हाउस यहूदी कम्युनिटी सेंटर, मेट्रो सिनेमा, टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर कॉलेज के पीछे एक लेन में 8 सिलसिलेवार हमले किए।
हमले के बाद 26 नवंबर को शुरू हुआ एंटी-टेरर ऑपरेशन 29 नवंबर तक चला था। पाकिस्तान प्रायोजित इस आतंकी हमले में 166 मासूमों की मौत हुई थी और कम से कम 300 अन्य घायल हुए थे। अजमल आमिर कसाब जिंदा पकड़ा गया था, उसके अन्य 9 साथी मारे गए थे। 4 साल तक ट्रायल चलने के बाद कसाब को अदालत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के लिए मौत की सजा दी थी। उसे 21 नवंबर 2012 को पुणे के येरवडा जेल में फांसी दी गई थी।