साल 2024 खत्म होने में अभी दो महीने का समय बाकी है और इस साल पुणे नगर निगम से 71 कर्मचारी इस्तीफा दे चुके हैं। 13 कर्मचारियों ने अपनी मर्जी से रिटायरमेंट भी ले लिया है और समय से पहले ही नौकरी छोड़ चुके हैं। नौकरी छोड़ने वालों में जूनियर कर्मचारियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक सब शामिल हैं। कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ने के पीछे काम का दबाव, काम में बदलाव, स्वास्थ्य और मानसिक समस्या को वजह बताया है।
सामान्य प्रशासन विभाग का कहना है कि कई पदों पर मुकदमे चल रहे हैं। इस वजह से 10-12 कोई भर्ती नहीं हुई है। नई भर्ती को लेकर नियम तय नहीं हुए हैं। वहीं, पुराने सभी कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में विभाग को मजबूरन संविदा पर लोगों को रखना पड़ रहा है।
2022 में हुई थीं बंपर भर्तियां
2022 में भर्ती पर बैन हटने के बाद, 135 जूनियर इंजीनियरों की भर्ती की गई और सभी विभागों में कुल 448 विभिन्न पद भरे गए। दो चरणों की भर्ती में लगभग 808 पद भरे गए, जिनमें क्लर्क, जूनियर इंजीनियर, फायरमैन, सहायक अतिक्रमण विरोधी निरीक्षक, मंडल चिकित्सा अधिकारी और अन्य रैंक के कर्मचारी शामिल थे। इनमें से कई कर्मचारियों ने बेहतर नौकरी की तलाश में इस्तीफा दे दिया। इससे 71 पद खाली हो गए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि इस्तीफा देने वालों में से अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं और उनमें से कुछ को अच्छी नौकरी मिल गई, जिसके कारण उन्होंने पीएमसी से इस्तीफा दे दिया।
37 क्लर्क ने छोड़ी नौकरी
पीएमसी के डिप्टी कमिश्नर पी पाटिल ने कहा, "पीएमसी राज्य प्रशासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार भर्ती करती है। सरकार के मानदंडों के अनुसार आवश्यकता के अनुसार रिक्तियों को भरा जाता है। जिन लोगों ने इस्तीफा दिया है, वे बेहतर संभावनाओं के लिए गए हैं।" नौकरी छोड़ने वालों में 37 क्लर्क, आठ फायरमैन, दो फार्मासिस्ट, दो वाहन निरीक्षक, 10 जूनियर इंजीनियर, नौ सहायक अतिक्रमण विरोधी निरीक्षक और तीन डिवीजनल मेडिकल ऑफिसर के अलावा 13 पीएमसी कर्मचारी भी शामिल हैं जिन्होंने वीआरएस ले लिया है।