नई दिल्ली/मुंबई। दक्षिण पश्चिम मानसून ने दो दिन की देरी से गुरुवार (3 जून) को केरल में दस्तक दी। केरल में मानसून का पहुंचने के साथ देश में बारिश के चार महीने के मौसम की शुरुआत हो गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्र ने कहा, ‘‘दक्षिण पश्चिम मानसून ने केरल के दक्षिणी हिस्सों में दस्तक दे दी है।’’ केरल में आमतौर पर दक्षिणपश्चिम मानसून एक जून तक पहुंचता है। कर्नाटक के बेंगलुरु में भी गुरुवार को कुछ इलाकों में झमाझम बारिश हुई।
अगले 48 घंटों में महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बारिश की संभावना
मुंबई सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अगले 48 घंटों में मानसून-पूर्व बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार, शनिवार तक मुंबई और महाराष्ट्र के पूरे तट पर भारी बारिश होगी। आईएमडी ने कहा, "मौजूदा मौसम की स्थिति में राज्य के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तीव्रता के साथ बारिश होने की संभावना है। पूर्व-मध्य अरब सागर और उत्तर कोंकण तक चक्रवाती परिसंचरण के कारण ट्रफ कमजोर हो गया है।" ट्रफ एक प्रकार का कम दबाव वाला क्षेत्र होता है। यह नंदुरबार से सोलापुर तक जिलों को कवर करते हुए मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश ला सकता है। आईएमडी ने कहा कि अगले 48 घंटों में मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्र में छिटपुट बारिश की संभावना है।
अगले सप्ताह फिर बदलेगा मौसम का मिजाज
मौसम की जानकारी देने वाली निजी संस्थान स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत के मुताबिक, 11 या 12 जून के आसपास मौसम फिर करवट लेगा। पश्चिमी विक्षोभ ने असर दिखाया तो अगले सप्ताह धूल भरी आंधी और बारिश होने के आसार हैं।
जानिए प्रमुख राज्यों में कब-कब पहुंचेगा मानसून
- महाराष्ट्र: 10 जून
- छत्तीसगढ़: 15 जून
- मध्य प्रदेश : 20 जून
- गुजरात: 20 जून
- राजस्थान: 30 जून
MP, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात में 106 प्रतिशत बारिश का अनुमान
IMD के मुताबिक पूर्वोत्तर (पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारंखड, प. बंगाल, असम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम) और मानसून कोर जोन (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तरी कर्नाटक, झारखंड) में 106% बारिश होने की संभावना बन रही है।
मानसून की घोषणा के ये 3 मानक हैं
- केरल, लक्षद्वीप और कर्नाटक के 14 मौसम केंद्रों में से 60 प्रतिशत केंद्रों पर 10 मई के बाद लगातार दो दिनों तक 2.5 मिमी से अधिक बारिश होनी चाहिए।
- जमीनी सतह से 4.5 किमी ऊंचाई तक पश्चिमी हवाएं चलने लगने लगे, सतह के करीब इसकी गति 30 से 35 किलोमीटर/घंटा तक हो।
- बादलों की मोटाई इतनी अधिक हो कि जमीन से आसमान की ओर लौटने वाला रेडिएशन 200 वॉट/वर्गमीटर से कम हो जाए।