मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष पद से अगर नाना पटोले को नहीं हटाया गया तो महाराष्ट्र कांग्रेस का भी हाल पंजाब कांग्रेस जैसा होगा। पार्टी खेमों में नहीं बंटे इसलिए इसलिए हमने नाना पटोले के खिलाफ आवाज़ उठाई है। यह कहना है कांग्रेस विधायक आशीष देशमुख का। वे नाना पटोले का विरोध कर रहे हैं तो वहीं बाला साहेब थोराट के समर्थन में खड़े हैं।
उन्होंने कहा, 'आलाकमान को नाना पटोले को अध्यक्ष पद से हटाना चाहिए या इस्तीफा लेना चाहिए। साथ ही किसी भी हाल में बालासाहेब थोराट का कांग्रेस विधायक दल नेता पद से इस्तीफा नामंजूर करना चाहिए।' देशमुख ने कहा कि आनेवाले समय में लोकसभा चुनाव,10 महानगरपालिका और दूसरे छोटे चुनाव महाराष्ट्र में होनेवाले है। ऐसे में बालासाहेब थोराट जैसे अनुभवी नेता की हमें सख्त ज़रूरत है।
देशमुख ने कहा कि नाना पटोले 4 साल पहले बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और आते ही पार्टी में उन्हें एक के बाद एक बड़े पद मिलते ही चले गए। जबकि महाराष्ट्र में दूसरे बड़े नेता भी हैं, लेकिन उन्हें नज़रंदाज़ किया गया। आशीष देखमुख ने कहा कि नाना पटोले से विदर्भ के कई बड़े नेता नाराज़ हैं। इतना ही नहीं नाराज नेताओं ने पार्टी के अध्यक्ष मल्किकार्जुन खरगे से दिल्ली में मुलाकात में अपनी नाराज़गी जताई है।
नाना पटोले के गलत फैसले से पार्टी को नुकसान-देशमुख
आशीष देशमुख ने कहा कि नाना पटोले के गलत फैसले से नुकसान हुआ। उन्होंने एमवीए की सरकार में बिना किसी से सलाह किये स्पीकर पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया। जिसका ट्रिगर पॉइंट सत्यजीत तांबे प्रकरण बना। उस मामले को बहुत आसानी से सुलझाया जा सकता था। आज नाना पटोले के खिलाफ और थोराट के समर्थन में कई नेता मिलेंगे। नाना पाटोले के खिलाफ प्रभारी एचके पाटिल से भी हम 12 फरवरी को मिलेंगे और 15 फरवरी को पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक में भी मुद्दा उठाएंगे। नाना पटोले के गलत फैसलों की वजह से बीजेपी को महाराष्ट्र में फायदा मिल रहा है, इसलिए उनका पद से हटना ज़रूरी है।
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