Highlights
- जहां कहीं भी संशोधन की गुंजाइश हो तो केंद्र की तरफ से उसकी तत्परता दिखानी चाहिए-पवार
- कुछ और लोगों को विश्वास में लेकर केंद्र को किसानों से बातचीत शुरू करनी चाहिए-पवार
- तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं
नागपुर: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर केंद्र सरकार नये कृषि कानूनों में जहां भी ''गुंजाइश'' हो, वहां संशोधन करने की इच्छा दिखाती है, तो किसानों के साथ वार्ता बहाल हो सकती है। केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र को आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत फिर से शुरू करनी चाहिए तथा ''कुछ और लोगों को विश्वास में लेना चाहिए।'' राकांपा नेता ने कहा कि अगर किसान अपनी सभी मांगें स्वीकार किए जाने पर अड़े रहे तो कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है।
उन्होंने कहा, '' इसी दौरान, अगर सरकार इसे प्रतिष्ठा का सवाल नहीं बनाती है और जहां गुंजाइश है, वहां कानूनों में संशोधन के लिए तत्परता दिखाती है, तो मुझे लगता है कि बातचीत शुरू की जा सकती है तथा कोई रास्ता निकाला जा सकता है।'
आपको बता दें कि इससे पहले अनिल देशमुख के मामले को लेकर शरद पवार ने बीजेपी पर जबदस्त हमला बोला था। देशमुख को क्लीनचिट देते हुए शरद पवार ने कहा था कि दिल्ली के इशारों पर महाराष्ट्र की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के गायब होने पर भी सवाल उठाया।
इनपुट-भाषा