मुंबई: महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने गुरुवार को अप्रत्याशित रूप से राज्य वक्फ बोर्ड में चल रहे विवाद को साफ करने में मदद करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सार्वजनिक रूप से 'आमंत्रित' किया। वक्फ बोर्ड पर मुस्लिम समुदायों की संपत्ति की देखभाल करने की जिम्मेदारी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता व मंत्री ने वक्फ बोर्ड में पंजीकृत पुणे स्थित एक ट्रस्ट के खिलाफ लगभग 9.60 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की शिकायत के संबंध में केंद्रीय एजेंसी द्वारा 7 स्थानों पर छापेमारी के मद्देनजर ईडी से 'सफाई' की सिफारिश की है।
ईडी की कार्रवाइयों ने मीडिया के एक वर्ग में अटकलें लगाईं कि मलिक की देखरेख में वक्फ बोर्ड पर छापा मारा गया और वह जांच का अगला निशाना होगा। मलिक ने अफवाहों पर हंसते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड ने अनियमितताओं की जानकारी मिलने के बाद अगस्त 2021 में पुणे स्थित बंदोबस्ती ट्रस्ट के खिलाफ शिकायत की थी। दो व्हिसल ब्लोअर मुश्ताक ए. शेख और मुनव्वर के. नन्हेखान ने सितंबर में वक्फ बोर्ड और मलिक से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने ईडी से संपर्क किया।
शेख और नन्हेखान ने कहा, "वक्फ बोर्ड के सहायक सीईओ फारूक पठान ने अनियमितता की थी। 22 जनवरी, 2021 को एक सामुदायिक संपत्ति पर फर्जी एनओसी दी गई थी, जिसे 2011 में बोर्ड की अनुमति के बिना अवैध रूप से आरक्षित किया गया था। सहायक सीईओ द्वारा फर्जी एनओसी के माध्यम से एक समूह ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर करीब 9.60 करोड़ रुपये हड़प लिए।"
दोनों ने कहा कि हालांकि वक्फ बोर्ड ने ट्रस्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन वे अपने ही अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे, जिस कारण समुदाय को नुकसान हुआ। हालांकि बाद में पठान ने एनओसी देने से इनकार कर दिया। यह बताने से इनकार करते हुए कि क्या ईडी ने वक्फ बोर्ड पर छापा मारा था, शेख और नन्हेखान ने स्पष्ट किया कि उन्हें ट्रस्ट या अधिकारियों पर गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी की कार्रवाई से अवगत नहीं कराया गया था।
मलिक ने कहा कि पुणे ट्रस्ट के अलावा वक्फ बोर्ड ने पिछले कुछ वर्षो में राज्यभर में 7 ऐसे ट्रस्टों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जो उन्होंने बड़े पैमाने पर सफाई अभियान के तहत शुरू किए थे। उन्होंने कहा, "हम इस ट्रस्ट पर ईडी की कार्रवाई का स्वागत करते हैं, और हम अनुशंसा करते हैं कि यह अन्य ट्रस्टों के खिलाफ भी कार्रवाई करे। हम जांच के लिए 30,000 वक्फ बोर्ड की संपत्तियां सौंपेंगे। ईडी को इस बड़े पैमाने पर सफाई अभियान में हमारी मदद करनी चाहिए।"
एनसीबी अधिकारियों और भाजपा नेताओं के खिलाफ चल रहे अभियान के लिए उन्हें जल्द ही निशाना बनाए जाने की मीडिया रिपोर्टो का जिक्र करते हुए मंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा, "अगर ईडी उनकी जांच करना चाहता है तो मैं उसका स्वागत करूंगा और पूरा सहयोग दूंगा।" मलिक ने कहा कि महा विकास अघाड़ी सरकार के पिछले दो वर्षो में वक्फ बोर्ड के मामलों में पूरी तरह से सफाई अभियान चल रहा है और इसे पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए इसे डिजिटल बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, "अपने इतिहास में पहली बार वक्फ बोर्ड को दो साल के कार्यकाल और 10 सदस्यों के साथ एक पूर्णकालिक सीईओ मिला है। सभी दस्तावेजों को स्कैन किया जा रहा है और हम काम में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही एक पोर्टल पर पूर्ण विवरण अपलोड करेंगे।"