मुंबई: रामनवमी के 4 दिन बाद महाराष्ट्र के अहमदनगर में दो गुटों में जमकर पथराव और मारपीट की घटना हुई। इस वारदात को रामनवमी से जोड़कर देखा जा रहा था। इन दावों की हकीकत पता लगाने के लिए इंडिया टीवी की टीम घटनास्थल पर पहुंची। हमने प्रत्यक्षदर्शियों से बात की, उन जगहों का मुआयना किया जहां पर पथराव हुआ था। अहमदनगर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को हिंदू पक्ष के दो युवक बाइक से गजराज नगर चौक से गुजर रहे थे। इसी चौक पर अब्दुल का घर है। अब्दुल के घर के सामने से गुजरते वक्त उनकी बाइक फिसल गई। इसके बाद अब्दुल कादिर और दोनों युवाओं के बीच बहस शुरू हो गई। महज कुछ ही पलों में ये बहस मारपीट में बदल गई।
दोनों युवाओं को जमकर पीटा
जानकारी के मुताबिक, अब्दुल ने दोनों युवाओं को जमकर पीटा। इसके बाद हिंदू पक्ष के युवा भागकर अपने मोहल्ले में पहुंचे और अपने साथ कुछ लोगों को लेकर दोबारा उसी जगह आए। इसके बाद दोनों पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। कुछ देर में और भीड़ इकठ्ठा हो गई और दोनों पक्षों की ओर से पथराव शुरू हो गया। दोनों तरफ से जमकर पथरबाजी हुई। इसी दौरान दो गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया गया। वहीं, एक गाड़ी जो वहीं खड़ी थी उसे तोड़ दिया गया। इस पथराव की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पा लिया। फिलहाल अहमदनगर में माहौल शांत है।
5 पत्थरबाज फरार
इस पत्थरबाजी में कुल 4 लोग जख्मी हो गए थे, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस ने इस मामले में कुल 2 मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक कुल 17 आरोपी गिरफ्तार हो गए है, गिरफ्तार आरोपियों में दोनों ही पक्षों के लोग हैं। अभी करीब 5 पत्थरबाज फरार हैं।
इंडिया टीवी की टीम ने की पड़ताल
इस घटना के बाद से ही लगातार अफवाह फैलाई जा रही थी कि एक धर्म विशेष के धार्मिक स्थल पर पत्थरबाजी की गई है जबकि इंडिया टीवी की टीम ने मौके पर पहुंचकर इस बात की पड़ताल की तो यह दावा गलत निकला। इस धर्म विशेष की धार्मिक स्थल को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है। सोशल मीडिया पर अहमदनगर पुलिस नजर रखें हुए है। साथ ही में पुलिस ने अपील की है कोई भी अफवाह ना फैलाएं।
पुलिस ने दावों को किया खारिज
अफवाह यह भी उड़ी थी कि रामनवमी के दिन भगवा झंडा लगाने को लेकर दोनों गुटों में पहले विवाद हो हुआ। जबकि अहमदनगर पुलिस ने इस दावों को भी खारिज किया है। पुलिस का कहना है कि, रामनवमी के दिन एक पक्ष द्वारा गजराज नगर के स्ट्रीट लाइट पोल्स पर अवैध रूप से भगवा झंडे लगाए गए थे। पुलिस ने स्थानीय गांव वालों और प्रशासन की मदद से इन झंडों को हटा दिया था। पुलिस का कहना है कि रामनवमी की इस घटना और मंगलवार को हुई हिंसा का कोई संबंध नहीं है।
इंडिया टीवी की टीम ने गजराज नगर के गांव वालों से बातचीत की। गांव वालों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से सभी धर्म के लोग मिलजुलकर रहते हैं। इसके पहले कभी भी ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी लेकिन मंगलवार की घटना के बाद तनाव का माहौल है, गांव वाले डरे हुए हैं। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि जिस जगह हिंसा हुई है वहां एक पुलिस चौकी का निर्माण किया जाए ताकि असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा सके।
इसे भी पढ़ें-
मनीष सिसोदिया ने लोअर कोर्ट के फैसले को दी चुनौती, कल हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
ट्रेनिंग के दौरान इंडियन नेवी के एक कमांडो की हुई मौत, जानें आखिर हुआ क्या