Wednesday, November 20, 2024
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पाकिस्तान से आए 54 हिंदुओं को मिली भारत की नागरिकता, खुशी से छलक पड़े आंसू

लंबे समय से भारतीय नागरिकता पाने के लिए संघर्ष कर रहे 54 पाकिस्तानियों को सीएए के तहत भारत की नागरिकता मिली है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: August 16, 2024 13:25 IST
Pakistan, hindu- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV पाकिस्तान से आए 54 हिंदुओं को मिली भारत की नागरिकता

ठाणे: भारत और पाकिस्तान के बंटवारे ने एक बड़ी आबादी को असहनीय दर्द दिया। एक ऐसा दर्द जो रह रहकर अपनी टीस देता रहा है। बंटवारे के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं पर आज भी तरह-तरह से अत्याचार हो रहे हैं। जब अत्याचार सहना मुश्किल हो गया तो इन लोगों ने भारत में शरण ली। अब सीएए के तहत इन लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई है। ठाणे के सिंधि भवन में  एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में पिछले पंद्रह वर्षों में भारत आए 54 सिंधी भाषियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत भारतीय नागरिकता प्रदान की गई। 

भारत माता की गोद में हम सुरक्षित 

भारत की नागरिकता मिलने पर इन लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इन लोगों की आंखें भर आईं। खुशी से आंसू छलक पड़े। इन लोगों ने कहा कि अब हम और हमारा धर्म भारत माता की गोद में सुरक्षित हैं।  विभाजन की यादों को लेकर सिंधी भवन में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद, महाराष्ट्र सिंधी साहित्य अकादमी, सिंधी कलाकार संगम और उल्हासनगर नगर पालिका द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।  इस कार्यक्रम के दौरान देश की नागरिकता पाने वालों ने पाकिस्तान में रहने के दौरान झेले गए यातनाओं के दर्द को दर्शकों के सामने पेश किया।  उन्होंने पाकिस्तान में उनके सामने आने वाली समस्याओं के बारे में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं, उनके लिए अपने व्यवसाय और धर्म को सुरक्षित रखना कितना कठिन था और अब वह देश में एक हिंदू के रूप में कैसे सुरक्षित महसूस करते हैं।

सरकार का जताया आभार

पाकिस्तान से ठाणे जिले की उल्हासनगर में आए अनिल कुमार आसानी ने बताया कि 2013 में वह यहां पर आए थे। वह उससे पहले पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहे थे,  लेकिन वहां पर उन्हें  बहुत सारी दिक्कतें झेलनी पड़ती थी। उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता था। उसके बाद 2013 में हम अपनी दोनों बहनों के साथ यहां उल्हासनगर में आ गए। शुरुआत में परेशानियां हुईं लेकिन अब सिटीजंस इन अमेंडमेंट एक्ट यानी (CAA ) के तहत हमें यहां की नागरिकता मिल गई,  जिसके लिए हम बहुत-बहुत सरकार का धन्यवाद देते हैं।

रिपोर्ट- सुनील शर्मा

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