विश्व हिंदू परिषद की नई गाइडलाइन के तहत नवरात्र उत्सव के दौरान होने वाले गरबा उत्सव में गैर हिंदूओं को प्रवेश न देने का ऐलान कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद ने मंडलों को कहा है कि नई गाइडलाइन पालन करवाने के लिए यदि उनके पास कार्यकर्ता नहीं हैं तो विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता,बजरंग दल के कार्यकर्ता उनका सहयोग करेंगे। विश्व हिंदू परिषद के नई गाइडलाइन के तहत सबसे अहम बात यह है कि गैर हिंदुओं को गरबा खेलने की अनुमति नहीं है। उन्हें मंडप में गरबा खेलने के लिए जाने नहीं दिया जाए। इसमें कहा गया है कि यदि गैर हिंदू गरबा खेलना चाहते हैं तो पहले वह घर वापसी करें। घर वापसी करके ही वह जाकर देवी का जागरण करें, गरबा खेलें, देवी को प्रसन्न करें, इसमें विश्व हिंदू परिषद को कोई आपत्ति नहीं है। यह बात विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र और गोवा के प्रचार प्रमुख गोविंद शेंडे ने कही है।
इसके अलावा गरवा के मुख्य प्रवेश द्वार पर प्रवेश करने वालों के लिए बनें ये नियम-
- आधार कार्ड की जांच की जाए
- माथे पर तिलक लगाया जाए
- हाथों में रक्षा सूत्र बांधा जाए
- गाय का अर्क पिलाकर अंदर भेजा जाए, गाय का अर्क देते हुए बताया जाए कि ये गाय का अर्क है।
"अलग मकसद से आते हैं गैर हिंदू लड़के"
गोविंद शेंडे ने कहा कि अगर कोई इन नियमों का पालन करने से मन करता है तो उन्हे गरबा मंडप में न जाने दिया जाए। विशेष समुदाय के लोग पहले घर वापसी करें, फिर गरबा मंडप में जाएं। 15 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू हो रहा है। उस दौरान पूरे भारतवर्ष में गरबा की धूम रहती है। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि गैर हिंदू लड़के भी वहां पर पहुंचते हैं और हिंदू लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाते हैं। यह घटनाएं काफी ज्यादा बढ़ गई हैं, वही गैर हिंदू वहां पर देवी की आराधना करने नहीं आते, वह अलग मकसद से आते हैं। वे छेड़खानी और लव जिहाज जैसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए गरबा मंडलों पर पहुंचते हैं। विश्व हिंदू परिषद ने आयोजकों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता लोगों से संपर्क कर रहे हैं और इस गाइडलाइन को पालन करने का अनुरोध कर रहे हैं।
"गैर हिंदू भगवती को नहीं मानते तो गरबा में क्यों आते"
विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि यह गरबा कोई नाटक नहीं है, भगवती को प्रसन्न करने का नृत्य है। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि इस संबंध में उन लोगों ने प्रशासन से भी बातचीत की है। विश्व हिंदू परिषद ने प्रशासकों से पूरे देश में मिलने की योजना बनाई है और उनसे मिलना शुरू कर दिया है। गैर हिंदू भगवती को नहीं मानते हैं, यह कोई आर्केस्ट्रा नहीं है, डांस का प्रोग्राम नहीं है। गैर हिंदू भगवती को मानते नहीं है तो वहां जाते क्यों हैं। यह भगवती को प्रसन्न करने का उत्सव है, प्रशासन को इसको रोकना चाहिए।
गरबा आयोजकों ने क्या कहा?
वहीं गरबा मंडप के आयोजकों ने कहा कि इसमें से कुछ गाइडलाइन को जरूर पालन करेंगे। कुछ मंडपों ने कहा कि वह अपने मंडपों में गरबा खेलने वालों के माथे पर टीका के लगाए बिना अंदर प्रवेश नहीं होने देंगे। तो कुछ लोगों का कहना है कि यह पहल अच्छी है और इसको अमल में लाने का वह प्रयत्न करेंगे।
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