Vedanta Foxconn: गुजरात सरकार द्वारा कई सौ करोड़ की वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर परियोजना का समर्थन करने पर हो रही आलोचना के बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि पड़ोसी राज्य पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (MVA) सरकार के कार्यकाल के दौरान कोई भी सब्सिडी लेने के लिए “10 प्रतिशत कमीशन” देना पड़ता था। उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना का नाम लिए बिना फडणवीस ने पार्टी पर निशाना साधा और कहा कि ठाकरे सरकार ने राज्य में रिफाइनरी जैसी बड़ी परियोजनाओं का विरोध किया।
फडणवीस ने ठाकरे सरकार पर लगाए ये आरोप
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से महाराष्ट्र अन्य राज्यों के मुकाबले 10 साल आगे जा सकता था। फडणवीस ने ठाकरे पर मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन और मुंबई मेट्रो-तीन परियोजना को रोकने का आरोप लगाया। फडणवीस ने कहा कि जून के अंत में उपमुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर वेदांता के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल से मुलाकात की थी और महाराष्ट्र ने कंपनी के सामने गुजरात के बराबर ही प्रस्ताव रखा था लेकिन उन्हें बताया गया कि गुजरात में सेमीकंडक्टर इकाई लगाने का निर्णय अंतिम चरण में पहुंच चुका था।
उन्होंने कहा, “जब आप (महा विकास आघाडी) सत्ता में थे (नवंबर 2019 से जून 2022 तक) तब (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश लाने के मामले में) महाराष्ट्र गुजरात से पीछे था। अगले दो वर्ष में हम महाराष्ट्र को गुजरात से आगे ले जाएंगे।” यहां के कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा, “गुजरात पाकिस्तान नहीं है। वह हमारा भाई है। यह एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा है। हम कर्नाटक से भी आगे जाना चाहते हैं।”
महाराष्ट्र की जगह गुजरात में क्यों लगा सेमीकंडक्टर संयंत्र?
आपको बता दें कि वेदांता समूह ने इसी सप्ताह फॉक्सकॉन के साथ साझेदारी में अहमदाबाद के निकट एक सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की घोषणा की है लेकिन इस घोषणा के साथ ही विवाद भी जुड़ गया है। महाराष्ट्र की राजनीतिक पार्टियों ने आरोप लगाया है कि यह प्लांट पहले उनके राज्य में प्रस्तावित था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के साथ ही इसे गुजरात स्थानांतरित कर दिया गया।
अनिल अग्रवाल ने बताई वजह
वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने सेमीकंडक्टर चिप विनिर्माण के प्रस्तावित संयंत्र को महाराष्ट्र से गुजरात ले जाने पर पैदा हुए विवाद के बीच गुरुवार को कहा था कि इस संयंत्र की जगह का फैसला पूरी तरह पेशेवर और स्वतंत्र परामर्श के आधार पर किया गया है। अग्रवाल ने अपने कई ट्वीट में इस संयंत्र को स्थानांतरित करने से जुड़े विवाद पर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि भले ही चिप विनिर्माण संयंत्र को गुजरात ले जाने का फैसला किया गया है लेकिन उनका समूह महाराष्ट्र में भी निवेश के लिए प्रतिबद्ध है।