नागपुर: विश्व हिंदू परिषद आज 61वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई थी। ऐसे में पूरे देश भर में लगभग 10 हजार से अधिक सम्मेलनों की योजना बनाई गई है। इसमें संतों का सम्मेलन, मातृशक्ति सम्मेलन, समाज में जागरण के लिए संतों की यात्राएं निकाली जाएंगी। इस दौरान संत घर-घर जाएंगे, समाज में जो जाति-पाति का भेद है, उसे दूर करने के लिए ऐसी बस्तियां में संत जाएंगे जहां पर भ्रम फैलाने का कार्य किया गया है। ये जानकारी विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र और गोवा के प्रमुख गोविंद शेंडे ने शोभायात्रा के दौरान कही।
जाति-पाति के भ्रम को दूर करेंगे संत
गोविंद शेंडे ने आगे कहा कि जिन गांवों में जिन बस्तियों में भ्रम फैलाया गया है, उन घरों में संतों को ले जाया जाएगा और संत इस भ्रम को दूर करेंगे। संत भ्रम दूर करने के लिए घर-घर जाएंगे। संतों का सम्मेलन भी पूरे भारतवर्ष में कराए जाने की योजना बनाई गई है। इसके तहत नागपुर एवं विदर्भ प्रांत में दो संतों का सम्मेलन रखा गया है। गोविंद शेंडे ने कहा कि इसको चुनाव की दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। इसका फायदा यदि जिसको लेना है वह लेते रहें।
युवतियों ने दिखाई युद्ध कलाएं
वहीं हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री प्रशांत तितरे ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद अपना स्थापना दिवस मना रहा है। लड़कियों को किस तरीके से आत्मरक्षा करनी चाहिए, उसका प्रत्यक्ष भी यहां पर करके दिखाया गया है। सभी अखाड़े इसमें शामिल हुए हैं। शोभा यात्रा में तलवारबाजी, दान-पट्टा, दंड युद्ध का प्रत्यक्ष भी युवतियों ने करके दिखाया। समाज में युवतियां सुरक्षित नहीं है, इसलिए उन्हें आत्मरक्षा के लिए युद्ध कला सिखाना जरूरी है।
शोभायात्रा में शामिल हुईं 60 झाकियां
बता दें कि विश्व हिंदू परिषद के स्थापना दिवस पर निकलने वाली विशाल शोभा यात्रा में 60 से अधिक झांकियां शामिल हुईं। श्रद्धालु भगवान की झांकियों के सामने जयघोष करते हुए चल रहे थे। बैंड-बाजे तथा शिवमुद्रा बैंड पथक बजने वाले युवकों का जोश देखने लायक था। 101 मंगल कलश लिए एक परिधान में कन्याएं शोभायात्रा का गौरव बढ़ा रही थीं। वहीं 101 पंडित भगवान श्री कृष्ण की स्तुति कर शोभा यात्रा में धार्मिक माहौल बना रहे थे।
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