मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना द्वारा पूर्व नौसना अधिकारी की मारपीट मामले पर बेतुकी सफाई दी है। शिवसेना सरकार में मंत्री अनिल परब ने कहा कि कार्यकर्ता हमसे पूछते हैं की वो हमारे भगवान के बारे में कुछ भी बोलते हैं और आप कुछ नहीं कर रहें। साथ ही में इसबात के संकेत भी दिए की भविष्य में भी अगर किसी ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ कुछ कहा तो उसे भी सबक सिखाया जायेगा। उन्होनें कहा कि इस घटना का हम समर्थन नहीं लेकिन वो नेवी के अधिकारी हैं तो कुछ भी कहेंगे ऐसा नहीं चलेगा, किसने उनको अधिकार दिया, उन्हे अपनी हद में रहना चाहिए।
शिवसेना नेता ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को भी हद में रहना चाहिए। हम सत्ता में हैं तो कोई कुछ भी कहेगा और हमारे कार्यकर्ता सुनते रहें ऐसे नहीं चलेगा। हम कुछ करते हैं तो विपक्ष कहता हैं की पावर का गलत इस्तमाल कर रहें हैं और अगर कुछ नहीं करें तो हमारे कार्यकर्ता कहते हैं की वो हमारे भगवान के बारे में कुछ भी बोल रहें हैं और आप कुछ नहीं कर रहें।
उद्धव ठाकरे को देश से माफी मांगनी चाहिए: नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर बने एक कार्टून को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर साझा करने के लिए शिवसेना के छह कथित कार्यकर्ताओं द्वारा मारपीट किये जाने के मामले में नौसेना के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने शनिवार को मांग की कि मुख्यमंत्री उनसे और देश से माफी मांगें। नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी मदन शर्मा ने साथ ही यह भी कहा कि यदि राज्य में कानून व्यवस्था को कायम करने में वह असमर्थ हैं तो ठाकरे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उपनगर कांदिवली के लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स इलाके में शुक्रवार की सुबह शर्मा के साथ यह घटना हुई थी।
इस मामले में छह आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया लेकिन शनिवार को उन्हें जमानत दे दी गई। शर्मा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है तो मैं उद्धव ठाकरे को दोषी ठहराऊंगा।’’ उन्होंने कहा कि यदि ठाकरे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को नहीं संभाल सकते है तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। इस बीच शर्मा को विपक्षी भाजपा, वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से समर्थन मिला है। फडणवीस ने आरोप लगाया, ‘‘मुख्यमंत्री को इस गुंडा राज को रोकना चाहिए। दबाव के कारण दस मिनट में आरोपियों को छोड़ दिया गया।’’ फडणवीस ने बिहार की राजधानी पटना में पत्रकारों से यह बात कही। इससे पहले दिन में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटिल ने किसी भी राजनीतिक हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर आरोपियों को जमानत दी गई है।